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सेंटेविटा हॉस्पिटल में लिफ्ट खराब, एसी बंद, मरीज व परिजन हलकान

Ranchi :  राजधानी रांची में अल्बर्ट एक्का चौक के पास एक अस्पताल है. नाम है सेंटेविटा हॉस्पिटल (SANTEVITA HOSPITAL). आम तौर पर यहां डिलिवरी के लिए महिलाएं भर्ती होती हैं. कहा जाता है कि किसी भी महिला की डिलिवरी कराने के लिए यह अस्पताल डेढ़ से दो लाख की फीस वसूलती है. पैसे वाले, इंश्योरेंस वाले या जो महिला सक्षम परिवार से आती हैं, उनके लिए यह अस्पताल पहली पसंद है. पर, क्या अस्पताल जितने पैसे लेती है, उतनी व्यवस्था भी देती है. क्या अस्पताल के कर्मचारी और सिक्योरिटी गार्ड व्यवहार कुशल हैं. या फिर "नाम बड़े और दर्शन छोटे" वाली स्थिति है.

दो में से केवल एक लिफ्ट चालू, मरीजों व परिजनों ने सुनाई आपबीती 

लगातार न्यूज नेटवर्क के संवाददाता 30 मई की रात करीब 8.20 बजे अस्पताल गये तो देखा कि मरीजों व उनके परिजनों के लिए दो लिफ्ट हैं. इसमें से एक लिफ्ट तो चालू था. लेकिन दूसरे का दरवाजा खुला मुंह चिढ़ा रहा था. जो लिफ्ट चालू था, उसके बाहर एक सिक्योरिटी गार्ड और एक अस्पताल कर्मी मौजूद था. इस लिफ्ट में बिना पास के कोई भी अंदर नहीं जा सकता. इस लिफ्ट की स्थिति यह है कि किसी को ऊपर जाना या नीचे आना हो, तो पांच-सात मिनट खड़ा रहना पड़ेगा. लिफ्ट में एक महिला मिली जो बता रही थी कि कल रात ठीक से सो नहीं पायी. इतनी गर्मी में भी एसी नहीं चल रहा था. अस्पताल प्रबंधन, या तो एसी बंद कर देते हैं या मेंटेनेंस के अभाव में एसी खराब हो जाता है. हमने एक और मरीज के परिजन से बात की, उनकी भी यही शिकायत थी कि एसी रूक-रूक कर चलता है. इससे असुविधा होती है.

गार्ड ने मरीज के परिजन के साथ किया दुर्व्यवहार 

अस्पताल में एडमिट होने वाले मरीज के अटेंडेंट को एक पास जारी किया जाता है. मतलब मरीज के परिवार का कोई एक व्यक्ति वार्ड में ऊपर जायेगा तो उससे पहले जो अटेंडेंट हैं, उसे नीचे अस्पताल से बाहर आना होगा. गौर करने वाली बात यह है कि वहां महिलाओं की डिलिवरी होती है. घर में नये मेहमान आने की खुशी होती है. ऐसे में परिवार के कई लोग नये मेहमान को देखने आते हैं. उन्हें किस तरह की जिल्लतों का सामना करना पड़ता है, यह भी 30 मई की रात देखने को मिला. हमने देखा एक मरीज के दो परिजन ऊपर जाना चाह रहे थे और गार्ड बेहद खराब लहजे में उनसे बात कर रहा था. [wpse_comments_template]

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