Ranchi: राज्य में शराब के व्यापार को ट्रैक करने के लिए निर्माता कंपनियों द्वारा खरीदी गयी ट्रैकिंग मशीन अब बेकार हो गयी है. राज्य में देसी विदेशी शराब बनाने वाली कंपनियों ने 16-16 लाख की लागत पर ट्रैकिंग मशीनों खरीदी थी. छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा दी गयी सलाह आधर पर बनी नीति के तहत राज्य में शराब का व्यापार चल रहा है. इस नीति के तहत शराब के कारोबार में मैन पावर सप्लाई, होलोग्राम निर्माण सहित सभी काम छत्तीसगढ़ की कंपनियों का कब्जा था. शराब के व्यापार में सरकार के राजस्व पर नियंत्रण बनाये रखने के लिए शराब की बोतलों को होलोग्राम लगाने की बाध्यता है. राज्य सरकार ने होलोग्राम बनाने की काम प्रिज्म होलोग्राम नामक कंपनी को दिया था. शराब के व्यापार का हिसाब रखने के लिए इसके ट्रैकिंग की व्यवस्था की गयी थी. ट्रैकिंग की मशीन भी होलोग्राम बनाने वाली कंपनी से संबंधित एक कंपनी ने की थी. छत्तीसगढ़ शराब घोटाला उजागर होने के बाद राज्य सरकार ने होलोग्राम बनाने कंपनी के साथ किये गये इकरारनामे को रद्द कर दिया. इसके बाद होलोग्राम नासिक स्थित सरकारी प्रेस से होलोग्राम बनावाया जाने लगा. फिलहाल शराब के व्यापार में इस्तेमाल किये जा रहे होलोग्राम को शराब बनाने वाली कंपनियों द्वारा खरीदी गयी ट्रैकिंग मशीन ट्रैक नहीं कर पा रही है. इससे राज्य में शराब बनाने वाली कंपनियों द्वारा पहले खरीदी गयी ट्रैकिंग मशीन बेकार हो गयी. इसे भी पढ़ें- भारत">https://lagatar.in/india-released-water-in-jhelum-river-flood-in-many-areas-of-pakistan-emergency-declared/">भारत
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होलोग्राम बदलने से शराब कंपनियों की ट्रैकिंग मशीन बेकार
