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क्या है झारखंड में शराब घोटाला का मामला
छ्त्तीसगढ़ शराब कंसलटेंट, सप्लायरों और झारखंड के उत्पाद विभाग की मिलीभगत से 450 करोड़ से अधिक का सरकारी राजस्व घाटा कराया है. झारखंड में नयी शराब नीति के सलाहकार अरुण पति त्रिपाठी ही छत्तीसगढ़ शराब घोटाले का सरगना बताया जा रहा है. उस पर आरोप है कि वह केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति के बिना ही झारखंड में सलाहकार बना था. नियमानुसार, झारखंड में सलाहकार बनने के लिए उसे अपने मूल विभाग और छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति लेनी आवश्यक थी. उस पर छत्तीसगढ़ में कई गंभीर आरोप लगे हैं. जिसमें एक फर्जी कंपनी बनाकर छत्तीसगढ़ में होलोग्राम छापने का आरोप भी है. जिन तीन कंपनियों का छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला केस में नाम सामने आ रहा है, झारखंड की शराब नीति में भी उनका सीधा हस्तक्षेप है. इसे भी पढ़ें- भीड़">https://lagatar.in/a-case-has-been-registered-against-seven-named-and-30-40-unidentified-people-in-the-mob-murder-case/">भीड़द्वारा हत्या मामले में सात नामजद और 30-40 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज [wpse_comments_template]
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