प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी से ईडी के अफसरों की जासूसी करायी जाती थी
ईडी के अधिकारियों को जानकारी मिली है कि योगेंद्र तिवारी द्वारा ईडी के अफसरों की जासूसी भी करायी जाती थी. साथ ही उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जाती थी. योगेंद्र तिवारी बीते कई महीनों से ईडी के अफसरों की जासूसी कराते थे. बकायदा इसके लिए प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी की भी मदद लिए जाने की सूचना ईडी को मिली है. बुधवार को योगेंद्र तिवारी से पूछताछ के दौरान अधिकारियों ने इस संबंध में भी जानकारी मांगी थी. जानकारी के मुताबिक, प्रेम प्रकाश के यहां हुए छापे के बाद ही योगेंद्र तिवारी ईडी की रडार पर आ गये थे. तब से ही उसके द्वारा ईडी के अफसरों की गतिविधि पर नजर रखी जाती थी. कई बार ईडी के अफसरों के कहीं आने जाने की रेकी भी कराने की बात सामने आयी है. इस संबंध में भी योगेंद्र तिवारी से पूछताछ की गई.क्या है झारखंड में शराब घोटाला का मामला
छ्त्तीसगढ़ शराब कंसलटेंट, सप्लायरों और झारखंड के उत्पाद विभाग ने झारखंड के सरकारी राजस्व को 450 करोड़ रुपए से अधिक का घाटा कराया है. झारखंड में नयी शराब नीति का सलाहकार अरुण पति त्रिपाठी ही छत्तीसगढ़ शराब घोटाले का सरगना है. उस पर आरोप है कि वह केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ की राज्य की सहमति के बिना ही झारखंड में सलाहकार बना था. नियमानुसार झारखंड में सलाहकार बनने के लिए उसे अपने मूल विभाग व छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति लेना आवश्यक था. उस पर छत्तीसगढ़ में कई गंभीर आरोप लगे हैं, जिसमें एक फर्जी कंपनी बनाकर छत्तीसगढ़ में होलोग्राम छापने का आरोप भी है. जिन तीन कंपनियों को छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला केस में नाम सामने आ रहा है, झारखंड की शराब नीति में भी उनका सीधा हस्तक्षेप है. इसे भी पढ़ें – रांची">https://lagatar.in/ranchi-operation-of-the-child-of-sacred-heart-school-lasted-for-six-hours-the-condition-is-still-critical/">रांची: सेक्रेड हार्ट स्कूल की बच्ची का छह घंटे चला ऑपरेशन, स्थिति अब भी गंभीर [wpse_comments_template]
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