Ranchi : झारखंड शराब घोटाला मामले में एसीबी ने राज्य में उत्पाद सचिव रह चुके आईएएस अधिकारी मनोज कुमार से लंबी पूछताछ की. बुधवार की पूछताछ के दौरान एजेंसी ने मनोज कुमार से कई सवाल पूछे जिनका उन्होंने जवाब दिया लेकिन उनके जवाब से एसीबी काफी संतुष्ट नहीं दिखी. जिसके बाद उन्हें दुबारा पूछताछ के लिए कल फिर यानी गुरुवार को बुलाया गया है.
मनोज कुमार को एजेंसी ने पिछले दिनों नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया था जिसके बाद वह बुधवार को एसीबी मुख्यालय पहुंचे. वहां उनसे काफी देर से पूछताछ हुई. इससे पहले झारखंड के शराब घोटाले में एसीबी ने पूर्व उत्पाद सचिव विनय चौबे को सबसे पहले गिरफ्तार किया था.
अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्यूरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज जैसी कंपनियों ने 2023 से फर्जी गारंटी के जरिए काम शुरू किया, जिससे सरकार को 38 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व नुकसान हुआ.
इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ की दो कंपनियों मेसर्स दीशिता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स ओम साईं विबरेजेज प्राइवेट लिमिटेड को बिना मंत्री की जानकारी के 11 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया, जबकि इन कंपनियों पर 450 करोड़ रुपये का बकाया था. यह भुगतान मनोज कुमार के सचिव रहते हुआ था.


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