Ranchi : एक तरफ झारखंड सरकार की उपलब्धियों को लेकर राज्य भर में खतियानी जोहार यात्रा निकाली जा रही है. दूसरी ओर कई विभागों के सरकारी कर्मी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर हैं. झारखंड राज्य आजीविका कैडर संघ अपनी मांगों को लेकर 44 दिन से आंदोलन पर हैं. संघ के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना कापरी ने कहा, 44 दिन से प्रदेश के पीआरपी तथा बीएपी सामूहिक अवकाश पर हैं. पूरे प्रदेश में महिला क्षमता वर्धन हेतु प्रशिक्षण, नए सखी मंडल का गठन, ग्राम गरीबी उन्मूलन परियोजना के तहत ग्रामीणों का योजना निर्माण, महिला संगठन का अंकेक्षण,आधार सीडिंग तथा बैंक लिंकेज जैसे महत्वपूर्ण कार्य ठप हैं.
झारखंड राज्य आजीविका कैडर संघ
संघ के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती. हमारे पॉलिसी के अनुसार हमारा वेतन व्यक्तिगत खाते पर भुगतान करना है. 2020 से अचानक सिस्टम में बदलाव किया गया और प्रत्येक कर्मियों के मासिक वेतन से 2000 कटौती करते हुए महिला संगठन के माध्यम से मानदेय भुगतान किया जा रहा है. इस प्रक्रिया से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इनकी मांग है कि महंगाई भत्ता के अनुसार वेतन में वृद्धि की जाए. एक निश्चित समय पर वेतन दिया जाए तथा एचआर पॉलिसी से जोड़ा जाए.
झारखंड राज्य दफादार- चौकीदार पंचायत
झारखंड राज्य दफादार चौकीदार पंचायत ने भी 23 जनवरी से राजभवन के समक्ष 6 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन ” घेरा डालो – डेरा डालो आंदोलन ” शुरू किया है. इनकी मांगों में चौकीदारों के रिक्त पदों पर विज्ञापन निकालकर नियुक्ति करने पर रोक लगाना, झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली- 2015 के आलोक में 100 से 120 आवासीय घरों पर सृजित करना, सेवा – विमुक्त सभी चौकीदारों को पुनः सेवा में योगदान कराने और 1 जनवरी 1990 के पूर्व और बाद में सेवानिवृत्त चौकीदार – दफादारों के आश्रितों की नियुक्ति पूर्व नियुक्ति प्रक्रिया के अनुसार करने हेतु भारतीय संविधान के अनुच्छेद – 16 (4) की भावना के आलोक में तत्काल अध्यादेश जारी करना, वर्दी भत्ता प्रतिवर्ष 10 हजार रुपये देना , स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का लाभ देना, ड्यूटी पर अपराधियों द्वारा मारे जाने या सड़क दुर्घटना में निधन होने पर 25 लाख रुपया अनुदान देना प्रमुख हैं.अध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह ने कहा कि उन्हें सरकार से पूरी उम्मीद है कि उनकी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाएगा, क्योंकि चौकीदार जमीनी स्तर पर काम करते हैं.
खतियान लेखन सफाई मोहर्रिर संघ
वहीं खतियान लेखन सफाई मोहर्रिर संघ के आंदोलन के 149 दिन पूरे हो गये हैं. ये रिक्त पदों पर अपने समायोजन की मांग को लेकर बैठे हैं. संघ के वीरेंद्र कुमार का कहना है कि इनके आंदोलन को 150 दिन होने को हैं, लेकिन अब तक इन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है. बीच में इनकी फाइल कमिश्नरी गयी भी, लेकिन पता चला है कि फाइल कुछ त्रुटियों के कारण फिर वापस लौट गयी है और इनके हाथ फिर कुछ नहीं लगा है. इनका कहना है कि सरकार जब तक मांगें नहीं मानती, आंदोलन जारी रहेगा.
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