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व्यवसायी पंकज जायसवाल की सोच ने दिया रोजगार के नये अवसर
लोहरदगा का नाम आते ही बॉक्साइट के लाल सोना की तस्वीर झलकने लगती है. कोरोना काल में जिले के व्यवसायी पंकज जायसवाल ने इसे अवसर में बदल दिया है. जब स्थानीय बाजार में डिमांड कम हो गयी तो उन्होंने अपने मिल का चावल एक्सपोर्ट करने की सोची. इसके बाद उनकी इस सोच को रेलवे प्रशासन ने भी आगे बढ़कर भरपूर सहयोग दिया. यही वजह है कि आज लोहरदगा के चावल का बाहर एक्सपोर्ट हो रहा है. इसे भी पढ़ें-हाइकोर्ट">https://lagatar.in/naveen-jaiswals-residence-will-not-be-vacated-till-the-completion-of-the-hearing-in-the-high-court/9468/">हाइकोर्टमें सुनवाई पूरी होने तक खाली नहीं होगा नवीन जायसवाल का आवास
मजदूरों में भी दिख रहा है उत्साह
लोहरदगा रेलवे स्टेशन में पहली बार चावल की सप्लाई के लिए रैक लगाया गया है. तो स्थानीय मजदूरों में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. है. वहीं व्यवसायी इसे आपदा में अवसर बता रहे हैं और रेलवे प्रशासन से लोहरदगा स्टेशन में एक बेहतर प्रबंधन की मांग कर रहे हैं. इसे भी पढ़ें- फायदे">https://lagatar.in/many-celebrities-including-the-prime-minister-congratulated-on-the-70th-birthday-of-superstar-rajinikanth/9450/">फायदेकी बातः परिवार नियोजन कराने वाले का होता है मुफ्त बीमा इसे भी देखें...
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