Lohardaga: बॉक्साइट की नगरी लोहरदगा में बाक्साइट ट्रांसपोर्ट के लिए रेल लाइन का परिचालन आजादी के पहले से हो रहा है. लेकिन पहली बार बॉक्साइट नगरी के लोहरदगा रेलवे स्टेशन में चावल का ट्रांसपोर्ट शुरू किया गया है. लोहरदगा रेलवे के साथ ही नगरवासियों के लिए भी यह एक सुखद खबर है. इसके बाद से रेलवे स्टेशन में चावल की बोरियों को लोड कर रहे मजदूरों में खुशी है. वहीं स्थानीय व्यवसायी के लिए भी कोरोना संकट की इस घड़ी में यह खबर एक अवसर की तरह है.
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व्यवसायी पंकज जायसवाल की सोच ने दिया रोजगार के नये अवसर
लोहरदगा का नाम आते ही बॉक्साइट के लाल सोना की तस्वीर झलकने लगती है. कोरोना काल में जिले के व्यवसायी पंकज जायसवाल ने इसे अवसर में बदल दिया है. जब स्थानीय बाजार में डिमांड कम हो गयी तो उन्होंने अपने मिल का चावल एक्सपोर्ट करने की सोची. इसके बाद उनकी इस सोच को रेलवे प्रशासन ने भी आगे बढ़कर भरपूर सहयोग दिया. यही वजह है कि आज लोहरदगा के चावल का बाहर एक्सपोर्ट हो रहा है.
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मजदूरों में भी दिख रहा है उत्साह
लोहरदगा रेलवे स्टेशन में पहली बार चावल की सप्लाई के लिए रैक लगाया गया है. तो स्थानीय मजदूरों में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. है. वहीं व्यवसायी इसे आपदा में अवसर बता रहे हैं और रेलवे प्रशासन से लोहरदगा स्टेशन में एक बेहतर प्रबंधन की मांग कर रहे हैं.
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