Arun Burnwal
Koderma: जिला विधिक सेवा प्राधिकार कोडरमा के तत्वावधान में शनिवार को व्यवहार न्यायालय में मासिक लोक अदालत का आयोजन किया गया. इस मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विरेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि लोक अदालत आम लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है. इस फैसले में दोनों पक्षों की जीत होती है और यह फैसला दोनों पक्षों को संतुष्ट करता है. कोई पक्ष इसे थोपा हुआ महसूस नहीं करता है. लोक अदालत में दिए गए निर्णय के विरुद्ध कहीं भी कोई अपील नहीं होती है. लोक अदालत का निर्णय अंतिम निर्णय होता है.
पीडीजे ने कहा कि लोक अदालत शीघ्र, सस्ता और सुलभ न्याय प्रदान करने का सशक्त माध्यम है. उन्होने कहा कि लोक अदालत में बढ़ रही भीड़ इस बात का परिचायक है कि लोक अदालत आम लोगों के बीच कितना लोकप्रिय होता जा रहा है. PDJ ने कहा कि लोक अदालत में जहां एक ओर लोगों के समय और पैसे की बचत होती है वहीं दूसरी ओर न्यायालय से मुकदमों का बोझ कम होता है. इस लोक अदालत में कुल चार बेंचों का गठन किया गया. बेंच संख्या एक में जिला जज द्वितीय अजय कुमार सिंह व अधिवक्ता राजेश्वर प्रसाद सिंह और बेंच संख्या दो में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शेखर कुमार एवं अधिवक्ता शिवनंदन कुमार शर्मा ने सुनवाई की.
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वहीं बेंच संख्या तीन में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी संजीबिता गुइन एवं अधिवक्ता टीनू कुमारी ने सुनवाई की. बेंच संख्या चार में स्थायी लोक अदालत अध्यक्ष विजय कुमार एवं सदस्य बालेश्वर राम व ममता सिंह ने मामले की सुनवाई की. लोक अदालत में चार बेंचो के माध्यम से कुल 12 वादों का निष्पादन किया गया. जबकि विभिन्न विभागों से कुल दस हजार रुपए राजस्व की वसूली की गई. मौके पर प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय मनोज कुमार सिंह, जिला जज प्रथम गुलाम हैदर, जिला जज तृतीय तरुण कुमार, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुमारी वैशाली श्रीवास्तव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव अभिषेक प्रसाद, मुन्सिफ गौरव खुराना, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी रोहित कुमार और न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी लीडिया फ्रांसिस्का केरकेट्टा शामिल थे.
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