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लोकसभा चुनाव : कोडरमा, धनबाद, हजारीबाग में वामदलों के बिना कोई महागठबंधन नहीं हो सकता कारगर

  • Pravin Kumar
Ranchi :  झारखंड में भी लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. बीजेपी जहां सभी 14 सीटों पर जीत की रणनीति बना रही है, वहीं महागठबंधन में शामिल दल बीजेपी को सभी सीटों पर मात देने की बात कर रहे हैं. महागठबंधन में शामिल दल ( झामुमो, कांग्रेस और राजद) के बीच भीतर ही भीतर सीटों पर दावेदारी को लेकर माथापच्ची शुरू हो गया है. कांग्रेस सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. जबकि झामुमो ने भी कांग्रेस के सीटिंग सीट चाईबासा पर अपनी दावेदारी ठोक दी है. दूसरी ओर राज्य की राजनीति में तीसरी धुरी के रूप में वाम दल भी सामने आ रहे हैं. वामदल लोकसभा चुनाव में अपने दम पर सीट जीतने में भले ही सक्षम ना हो, लेकिन उनके मजबूत कैडर बेस जनाधार को खारिज नहीं किया जा सकता. कोडरमा, धनबाद, हजारीबाग, पलामू, राजमहल सीटों पर वामदलों का मजबूत जनाधार है. महागठबंधन में स्थान नहीं मिलने की स्थिति में वाम दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे, जिससे भाजपा विरोधी मतों का बिखराव होगा और इसका सीधा नुकसान महागठबंधन को हो सकता है.

विपक्षी गठबंधन सीपीआई, माले और मासस को नकारा नहीं जा सकता

2019 के चुनाव में जीत के आंकड़े देखें, तो जेएमएम और कांग्रेस ने राज्य में एक-एक सीट जीती थी. यदि राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन बनता है, तो झारखंड में जेडीयू और वाम दल को भी एडजस्ट करने का दबाव होगा. हालांकि झारखंड के परिदृश्य में जेडीयू की कोई गुंजाइश नहीं दिखती. लेकिन सीपीआई, माले और मासस के जनाधार को नकारा नहीं जा सकता है.

माले के बिना कोडरमा,गिरीडीह और पलामू में कोई गठबंधन कारगर नहीं होगाः मनोज भक्त

सीपीआई माले के राज्य सचिव मनोज भक्त कहते हैं कि केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ सीपीआई माले जमीनी स्तर पर आंदोलन कर रहा है. भाजपा महंगाई, बेरेजगारी, भ्रष्टाचार और कालाधन जैसे जन सवालों पर पूरी तरह तरह मौन है. वहीं दूसरी ओर स्थानीयता और नियोजन नीति के सवाल पर झारखंड की जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. माले को साथ लिये बिना कोडरमा लोकसभा सीट पर कोई भी गठबंधन कारगर नहीं होगा. माले शिक्षा, रोजगार, पलायन, सिंचाई के सवाल को लेकर कोडरमा, गिरीडीह व पलामू लोकसभा क्षेत्र में लंबे समय से जनसंघर्ष कर रहा है. तय है कि पार्टी चुनाव भी लड़ेगी.

धनबाद में कांग्रेस नहीं मिलता कैंडिडेट, वामदल मिलकर लड़ेंगे चुनावःअरूप चटर्जी

निरसा के पूर्व विधायक व मासस नेता अरूप चटर्जी कहते हैं कि अगर भाजपा को हराना है तो महागठबंधन के नेताओं को प्रैक्टिकल तौर पर देखना होगा. धनबाद में कांग्रेस को कैंडिडेट नहीं मिलता. उसे बाहर से कैंडिडेट लाना पड़ता है. मासस का निरसा, सिंदरी , चंदनक्यारी, झरिया, बोकारो, मांडू जैसे विधानसभा क्षेत्रों में मजबूत पकड़ है. ऐसे में धनबाद लोकसभा सीट पर स्वाभाविक दावा मासस का बनता है. गठबंधन में स्थान नहीं मिलने पर वामदल राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ेंगे.

सात सीटों पर माकपा चुनाव लड़ने की कर रही तैयारीः महेंद्र पाठक

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव महेंद्र पाठक और कार्यालय सचिव अजय सिंह का कहना है कि पार्टी राज्य में सात लोकसभा सीटों पर पार्टी की चुनावी तैयारी चल रही है. राज्य में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का एक अपना आधार है. वाम दलों की आने वाले दिनों में बैठक होनेवाली है, जिसमें लोकसभा चुनाव को लेकर साझा रणनीति बनायी जा सकती है. राज्य में वाम दलों के साथ लिये बिना कोई मजबूत गठबंधन नहीं बन सकता. इसे भी पढ़ें – रांचीः">https://lagatar.in/ranchi-crpf-133-battalion-planted-trees-at-ybn-school/">रांचीः

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