New Delhi : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने बुधवार को कहा कि लोकसभा चुनाव यह तय करने में महत्वपूर्ण होंगे कि देश का धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक स्वरूप कायम रहेगा या नहीं क्योंकि पिछले 10 वर्षों में लोकतंत्र के बुनियादी स्तंभों पर हमला हुआ है. उन्होंने इस पर भी जोर दिया कि विपक्षी इंडिया गठबंधन लोगों के बीच लोकप्रियता हासिल कर रहा है, लेकिन बहुत कुछ इस पर निर्भर करेगा कि चुनाव में सभी पार्टियों को समान अवसर मिलता है या नहीं. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
VIDEO | Lok Sabha Elections 2024: “These elections are important because it is an existential elections for the Indian republic, whether we are going to maintain our secular democratic character or not. The last 10 years have seen a series of assaults on the Constitutional values… pic.twitter.com/BUtDyDBfnk
— Press Trust of India (@PTI_News) March 20, 2024
धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक स्वरूप की रक्षा होगी या यह और अधिक नष्ट हो जायेगा
येचुरी ने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि चुनाव तय करेंगे कि हम अपने धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक स्वरूप को बनाये रखेंगे या नहीं. पिछले 10 वर्षों में गंभीर नुकसान देखा गया है. मैं वास्तव में इसे संवैधानिक मूल्यों और हमारे संविधान के मूलभूत स्तंभों पर हमला कहूंगा. माकपा नेता कहा, ‘धर्मनिरपेक्षता लोकतंत्र एक स्तंभ है और आर्थिक संप्रभुता, सामाजिक न्याय और संघवाद अन्य स्तंभ हैं. उन्होंने कहा, ‘‘क्या हम भारतीय गणतंत्र के स्वरूप, धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक स्वरूप की रक्षा करने जा रहे हैं? या इसे और अधिक नष्ट होने देंगे? यही कारण है कि वे वर्तमान समय में बेहद महत्वपूर्ण हैं.
इंडिया गठबंधन संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के इरादे से बनाया गया
येचुरी ने कहा कि इंडिया गठबंधन का गठन संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के इरादे से किया गया है और गठबंधन की पार्टियां लोगों के बीच गहरी पैठ रखती हैं. उन्होंने कहा, इंडिया गठबंधन का गठन इस स्पष्ट सोच के साथ किया गया था कि आज संविधान, लोकतंत्र, हमारे संविधान द्वारा प्रदत्त लोगों के अधिकारों की रक्षा करने तथा उन्हें और मजबूत बनाने की जरूरत है. सबसे महत्वपूर्ण संविधान द्वारा प्रदत्त समानता और न्याय की व्यवस्था है. उन्होंने कहा, जो पार्टियां एक साथ आयी हैं वे इसके लिए प्रतिबद्ध हैं.
रोजगार के स्तर में शायद ही कोई सुधार हुआ है
पिछले 10 वर्षों के आंकड़ों से पता चलता है कि रोजगार के स्तर में शायद ही कोई सुधार हुआ है. इस प्रकार की आर्थिक नीतियों ने न केवल अर्थव्यवस्था को बल्कि लोगों के जीवन को भी पूरी तरह से नष्ट कर दिया है.येचुरी ने आरोप लगाया कि लोगों के सामने रोजगार मुख्य मुद्दा है, लेकिन भाजपा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिए लोगों को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया, वे (भाजपा) सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, नफरत फैलाने और विषैले अभियान के जरिए प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि यह भाजपा के लिए काम नहीं कर रहा है. येचुरी ने आरोप लगाया.
भाजपा हताश है, वह राज्य-दर-राज्य जाकर पार्टियों को विभाजित कर रही है
यही कारण है कि भाजपा हताश है. राज्य-दर-राज्य जाकर, वे पार्टियों को विभाजित कर रहे हैं, ईडी, सीबीआई और कुछ एजेंसियों का घोर दुरुपयोग कर रहे हैं और बहुत ही घटिया खरीद-फरोख्त में लिप्त हैं. माकपा नेता ने कहा, ‘‘अगर वे 370 या 400 को पार करने के बारे में इतने आश्वस्त हैं तो वे इतने हताश क्यों हैं? हर एक राज्य में जहां विपक्ष मजबूत स्थिति में है, उन पार्टियों को विभाजित करने का प्रयास क्यों किया जा रहा है? उन्हें डराया, धमकाया क्यों जा रहा है?
उन्होंने कहा, और एक बार जब वे पाला बदल लेते हैं, तो सभी मामले खत्म हो जाते हैं. अन्यथा उन्हें जेल में डाल दिया जायेगा. मेरा मतलब है कि जो लोग उनके सामने झुकने से इनकार करते हैं, वे जेल में हैं. भाजपा के 370 सीटें हासिल करने के लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर माकपा नेता ने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि चुनाव कितने स्वतंत्र और निष्पक्ष होते हैं.
आज भी आप सरकारी विमानों का दुरुपयोग देखते हैं.
चुनावी बॉण्ड और…पीएम केयर्स के साथ, हर जगह उन्हें करोड़ों मिलते हैं. मेरा मतलब है कि यह अब तक का दुनिया में सबसे महंगा चुनाव है. येचुरी ने कहा, ईवीएम के बारे में संदेह हैं. हम निर्वाचन आयोग से हमारे एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने और वीवीपैट और ईवीएम के मुद्दे का समाधान करने का अनुरोध कर रहे हैं, लेकिन दुख की बात है कि निर्वाचन आयोग ने हमारे अनुरोध को स्वीकार नहीं किया है. आज भी आप सरकारी विमानों का दुरुपयोग देखते हैं.
आप प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं को राजनीतिक बैठकों के लिए लाने-ले जाने में सशस्त्र बलों के हेलीकॉप्टर का दुरुपयोग देखते हैं. येचुरी ने कहा कि हालांकि, निर्वाचन आयोग को नहीं लगता कि ये आचार संहिता का उल्लंघन हैं. उन्होंने कहा, तो यह सब इस पर निर्भर करता है कि अगर निर्वाचन आयोग वास्तव में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में सफल होता है, तो भाजपा के प्रचार द्वारा हमें जो बताया जा रहा है, परिणाम उससे बहुत अलग होंगे.