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जंगल से बाहर निकलते हैं हाथी
कहा कि झारखंड के अलावा सीमावर्ती राज्य बिहार और ओड़िशा में भी हाथियों के आतंक से जानमाल को भारी नुकसान होता है. सालोंभर जंगली हाथी इन राज्यों में खुलेआम विचरण करते हैं. जंगल से बाहर निकल कर फसलों के अलावा जानमाल की क्षति पहुंचाते हैं. हाथियों के संरक्षण को लेकर पहले भी प्लान बनते रहे हैं, लेकिन झारखंड में तेजी से घट रहे वनक्षेत्र और हाथियों के खाने की समस्या अब विकराल रूप ले चुकी है. देखें वीडियो-वन्य प्राणी का संरक्षण हो
कहा कि ऐसे में जनहित को ध्यान में रखते हुए हाथियों के विचरण वाले क्षेत्रों में एक ऐसा कॉरिडोर का निर्माण कराया जाए, जिसमें हाथियों को पर्याप्त भोजन मिल सके. ये अपने इलाके में रहें. जंगल से निकल कर घनी आबादी वाले इलाकों में नहीं पहुंचें. इससे पर्यावरण के साथ वन्य प्राणी संरक्षण का ध्येय भी मजबूत हो सकेगा. इसे भी पढ़ें- हजारीबाग:">https://lagatar.in/hazaribagh-rti-activist-rajesh-mishra-gets-bail/38737/">हजारीबाग:आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश मिश्रा को मिली जमानत सुनील सोरेन ने कहा कि मैं आपके माध्यम से वन पर्यावरण मंत्री से यह मांग करता हूं कि हाथियों के लिए सेफ कॉरिडोर का निर्माण कराया जाए. यह मानव जीवन के साथ-साथ हाथियों के लिए भी अति आवश्यक है. इसे भी पढ़ें- मजदूर">https://lagatar.in/mazdor-samaz-burnt-effigies-of-management-and-union-demand-for-wage-revision/38740/">मजदूर
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