New Delhi : मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू हुई. लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण थोड़ी देर के बाद ही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. कार्यवाही स्थगित होने के बाद विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सदन के बाहर सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सरकार उन्हें सदन में बोलने नहीं देती है.
सभी पक्षों को बोलने का मौका नहीं मिला तो लोकतंत्र अधूरा रहेगा
राहुल गांधी ने मीडिया से कहा कि सवाल ये है कि जो सदन में रक्षा मंत्री को बोलने देते हैं, उनके लोगों को बोलने देते हैं, लेकिन अगर विपक्ष का कोई नेता कुछ कहना चाहता है तो अनुमति नहीं है. मैं विपक्ष का नेता हूं, मेरा हक है, लेकिन मुझे बोलने ही नहीं दिया जाता. परंपरा कहती है कि अगर सरकार के लोग बोल सकते हैं, तो विपक्ष को भी बोलने का अधिकार मिलना चाहिए. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि जब तक सभी पक्षों को बोलने का अवसर नहीं मिलेगा, तब तक लोकतांत्रिक प्रक्रिया अधूरी मानी जाएगी.
#WATCH दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, "सवाल ये है कि जो सदन में रक्षा मंत्री को बोलने देते हैं, उनके(सरकार) लोगों को बोलने देते हैं लेकिन अगर विपक्ष का कोई नेता कुछ कहना चाहता है तो अनुमति नहीं है। मैं विपक्ष का नेता हूं मेरा हक है, मुझे कभी बोलने ही नहीं… pic.twitter.com/GF2qL9ov0G
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 21, 2025
विपक्ष के नेता को सदन में बोलने का अधिकार दिया जाना चाहिए
इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार तैयार है तो चर्चा होनी चाहिए. विपक्ष के नेता को सदन में बोलने का अधिकार दिया जाना चाहिए.
#WATCH दिल्ली: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "अगर वो(सरकार) तैयार हैं तो चर्चा करें। विपक्ष के नेता को बोलने देना चाहिए..." pic.twitter.com/e1jQxKB0Dr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 21, 2025
विपक्ष मांग रहा है गंभीर मुद्दों पर चर्चा
बता दें कि विपक्षी दल मणिपुर की स्थिति, हरियाणा में किसानों पर हुई कार्रवाई और जम्मू-कश्मीर में हालिया आतंकी घटनाओं को लेकर सदन में चर्चा की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह देशहित से जुड़े गंभीर मुद्दे हैं और इन पर खुली बहस जरूरी है.
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