Ranchi: श्री श्री हरी सभा तथा दुर्गा पूजा समिति की ओर से अल्बर्ट एक्का चौक स्थित श्री दुर्गाबाड़ी के प्रांगण में बुधवार को मां कोजागोरी लक्खी पूजा (लक्ष्मी पूजा) का आयोजन किया गया. श्री श्री दुर्गा बाड़ी के प्रवक्ता प्रदीप रॉय बाबू ने बताया कि रात 8.5 बजे पूजा आरंभ हुई, जो रात्रि 9.40 बजे समाप्त हुई. पूजा के दौरान चूंकि रात्रि बेला की पूजा है, इसलिए इस विशेष पूजा में सर्वप्रथम पूजा के बाद मां की आरती की गई. आरती में शंख ध्वनि एवं बंग समुदाय की विशेष उल्लू ध्वनि का ही प्रावधान है. इसके उपरांत मां को भोग निवेदित किया गया, जिसमें मां को शुद्ध नारियल का लड्डू, चूड़ा, चीनी एवं बुंदिया तथा घी की पूड़ी एवं छेना के मिष्ठान्न सहित फल, फूल का भोग चढ़ाया गया. मां लक्ष्मी की आरती के बाद पुष्पांजलि संपन्न हुई, इसके बाद हवन किया गया, जो रात्रि 11 बजे समाप्त हुआ.
दुर्गाबाड़ी में 1934 से कोजागोरी लक्ष्मी पूजा होता रहा है
दुर्गा बाड़ी में 1934 से कोजागोरी लक्ष्मी पूजा का आयोजन होता आ रहा है. इस पूजा की विशेषता यह है कि नयी फसलों का संचय एवं धन संपदा, सुख समृद्धि, दीर्घायु होने की कामना,साथ ही मंगल कामना के लिये मंदिरों सहित बंग समुदाय में घर घर यह पूजा की जाती है एवं मां को नारियल से बने लड्डू का भोग अवश्य ही चढ़ाया जाता है तथा यह भी मान्यता है कि आज लक्ष्मी जी की पूजा करने से एवं घर के चारों ओर आल्पोना (रंगोली) देकर मां का आह्वान किया जाता है. साथ ही घर के सभी दरवाजे, खिड़कियां खुले रखते हैं, ताकि मां का आगमन हो एवं परिवार के सभी लोगों को सुखमय जीवन जीने का आशीर्वाद मां से प्राप्त हो सके.
पूजा को बंगाल से आए दुर्गा बाड़ी के चयन राॅय ने संपन्न कराया. पूजा का संचालन एवं संपन्न कराने में श्री दुर्गा बाड़ी के गोपाल भट्टाचार्य, सेतांक सेन, श्यामल रॉय, संदीप चौधरी, प्रदीप रॉय, जयंत कर, अमित रॉय, मृणाल घोष, संजय रॉय, देवनाथ गांगुली, दीपेंद्र नारायण घोष, छोटन सूत्रधर, नारायण प्रमाणिक, सीमंतो प्रमाणिक समेत अन्य सदस्यों का सहयोग रहा. दुर्गा बाड़ी के सचिव गोपाल भट्टाचार्य ने बताया कि गुरुवार 17 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से पहले पूजा आरंभ होगी एवं प्रातः 7.45 बजे कलश विसर्जन की जायेगी, क्योंकि पूर्णिमा संध्या 5.44 तक रहेगी. कल प्रतिमा विसर्जन नहीं होगा, क्योंकि संध्या बेला में मां लक्ष्मी जी का विसर्जन नहीं किया जाता है, इसलिए उसके आगामी दिन शुक्रवार 18 अक्टूबर को प्रातः 7.45 बजे से 8 बजे के मध्य लाइन टैंक रोड स्थित चडरी तालाब में प्रतिमा का विसर्जन होगा.
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