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बुंडू के मंदिर में भगवान राम ने की थी सूर्य उपासना, सैंकड़ों लोग करते हैं छठ पूजा

khuti :   झारखंड के पर्यटन स्थलों में प्रसिद्ध बुंडू स्थित प्राचीन  सूर्य मंदिर में छठ को लेकर विशेष तैयारी की गयी है. मंदिर का रंगरोगन से लेकर छठ घाट की सफाई पूरी हो गयी है. सूर्य मंदिर में छठ को लेकर विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि भगवान राम ने यहां पर सूर्य भगवान की उपासना की थी और सूर्य देवता को अर्घ्य दिया  था.

1994 में बनाया गया था भव्य मंदिर

मंदिर के पुजारी सत्यनारायण पाठक ने लगातार.इन">https://lagatar.in/">लगातार.इन

  को बताया कि वनवास के समय राम भगवान ने  इसी जगह सूर्य  उपासना की थी और उनको अर्घ्य दिया था. पुजारी ने बताया कि पहले लोग प्रकृति को पुजते थे. इस स्थल पर सूर्य देव की पूजा होती है. 1991 में संस्कृति बिहार ने इस स्थल पर मंदिर के लिए भुमि पूजन किया और 1994 में भव्य मंदिर बनाया  गया. इसे भी देखें :

दिन में कभी बिजली की नहीं होती जरुरत

भगवान सूर्य के रथ को उड़ते हुए स्वरूप में  इस मंदिर को बनाया गया है. जिसकी  सुंदरता देखते ही बनती है. मंदिर के अंदर बहुत बड़ा हॉल है. इसमें एक साथ हजारों की संख्या में श्रद्धालु बैठकर पूजा-अर्चना कर सकते हैं. इस मंदिर की खासियत ये भी है कि इतने बड़े मंदिर में दिन में कभी बिजली की जरूरत नहीं पड़ती है. मंदिर को इस तरह से बनाया गया है कि गुंबद से लेकर चारों  दिशाओं से सूर्य की रोशनी मंदिर तक पहुंचती है. जिससे दिन में  बिना लाइट के उजाला रहता है.

झारखंड-बिहार से छठ करने आते हैं लोग

हर साल छठ में रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकरो, खूंटी के अलावे बिहार से भी यहां हजारों की संख्या में छठ व्रती छठ मनाने आते हैं. मंदिर के पश्चिम दिशा में  पहाड़ी के बीच तालाब है. जहां छठ व्रती सूर्य देवता को अर्घ्य देते हैं. संस्कृति बिहार की तरफ से छठ व्रतियों के रहने-ठहरने की व्यवस्था की जाती है. साथ ही श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त में खाने-पीने का भी इंतजाम किया जाता है. इसे भी पढ़े : मुंबई">https://lagatar.in/mumbai-drugs-case-mumbai-polices-sit-team-sent-notice-to-shahrukhs-manager/">मुंबई

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दूर-दूर से हजारों की संख्या में आते हैं शैलानी

आपको बता दें कि एमएच-33 रांची टाटा मार्ग से सटे पहाड़ी पर स्थित सूर्य मंदिर आज झारखंड के पर्यटन स्थलों में से एक है. यहाँ तक पहुंचने के लिए रांची से केवल 35 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है. हर दिन इस मंदिर में हजारों की संख्या में शैलानी आते हैं.  खास कर बंगाल और बिहार से ज्यादातर शैलानी यहाँ की प्राकृतिक नजारे को देखने पहुंचते हैं. इसे भी पढ़े :  योगेंद्र">https://lagatar.in/former-ag-ajit-kumar-opposed-to-yogendra-saws-bail-is-lobbying-for-bail/">योगेंद्र

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