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Jamui : बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को अपना सलाहकार बदलने की सलाह दी है. नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान चलाने जैसे स्लोगन को भी अनुचित बताया है. उन्होंने कबीर दास के दोहे- प्रेम न बारी उपजे, प्रेम न हाट बिकाए. राजा परजा जेहि रुचै, शीश देयी ले जाए को कोट करते हुए कहा कि प्रेम हाट-बाजार में खरीद-फरोख्त की वस्तु नहीं है. इसलिए मोहब्बत की दुकान नहीं हो सकती है.
बिना डरे सिस्टम से अकेले जूझ रहे
आनंद मोहन ने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी पैदल यात्रा के जरिए भाजपा के द्वारा बनाए गए माहौल को मात देकर अपनी एक बेहद साहसिक छवि बनाई है. वह मोहब्बत की दुकान चलाने नहीं निकले हैं, बल्कि अपने पुरखों की तरह ही सुख-चैन का बलिदान देने के लिए निकले हैं. बलिदान को दुकान बताने पर आनंद मोहन ने एतराज जताया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की कन्याकुमारी से कश्मीर तक की पदयात्रा एक बेहद साहसिक कदम था. इस पदयात्रा ने उनका पुरुषार्थ सामने आया है. बाहुबली नेता ने कहा, ऐसी स्थिति में वह राहुल गांधी को सलाह देते हैं कि उन्हें अपने सलाहकार बदलने की जरूरत है. उन्होंने राहुल की तारीफ करते हुए कहा कि वह बिना डरे सिस्टम से अकेले जूझ रहे हैं.
परिस्थितियां पैदा करती हैं नेता
आनंद मोहन ने नेताओं को सतर्क करते कहा कि देश में वोट के लिए नफरत के बीज बोए जा रहे हैं. सांप्रदायिक जहर बो कर सरकार तो बना सकते हैं, लेकिन देश नहीं चलाया जा सकता है. प्रधानमंत्री पद के चेहरे को लेकर पूर्व सांसद ने कहा कि नेता परिस्थितियां पैदा नहीं करते, बल्कि परिस्थितियां नेता पैदा करती रही हैं. वक्त आने पर सब कुछ सामने आ जाएगा.
30 जून से शुरू होने वाली पदयात्रा को टाला
आनंद मोहन ने अपनी 30 जून से शुरू होने वाली पदयात्रा को टाल दिया है. अब प्रदेश में जनता को जागरूक करने के लिए चार पदयात्राएं करेंगे. यह यात्राएं सितंबर में शुरू हो सकती हैं. बीते सप्ताह आनंद मोहन ने 30 जून से पदयात्रा करने का एलान किया था. उन्होंने कहा था कि मेरा परिवार समाजवादी व गांधी की विचारधारा को मानने वाला है. मेरे आदर्श जेपी हैं. मैंने राजनीति का ककहरा उन्हीं से सीखा है, जिसमें जात-पात का कोई स्थान नहीं है.
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