Ranchi : नई शिक्षा नीति 2020 की बात करते हुए राज्यपाल रमेश बैस ने कहा है कि स्वतंत्र भारत में पहली बार ऐसी शिक्षा नीति आयी है, जो व्यावहारिक प्रतीत होती है. पूर्व में हमारी शिक्षा प्रणाली मैकाले की शिक्षा पद्धति पर आधारित थी. मैकाले ने ऐसी शिक्षा पद्धति दी, जो आजादी के बाद हमारे हित में नहीं थी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 व्यावाहारिकता पर बल देती है. राज्यपाल शुक्रवार को जमशेदपुर में आरवीएस एजुकेशनल ट्रस्ट में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से भारतीय शिक्षा प्रणाली में सुधार विषय पर आयोजित कॉन्क्लेव में बोल रहे थे.
इसमें एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट सिस्टम की व्यवस्था
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपति के साथ समीक्षा बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने की पहल के संदर्भ में चर्चा की. निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय द्वारा इस दिशा में और तेजी से प्रयास करने होंगे. उन्होंने कहा कि इस शिक्षा नीति में हमारे बच्चे अपनी रुचि के अनुसार विषय का चयन कर सकते हैं. यदि किन्हीं कारणों से उनकी पढ़ाई बीच में छूट जाती है, तो वे फिर वहीं से शुरू कर सकते हैं. इसमें एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट सिस्टम की व्यवस्था है.राज्यपाल ने कहा, सभी को हिन्दी भाषा जानना चाहिए. राष्ट्रभाषा को अहमियत देना चाहिए. कहा कि पढ़ाई का मकसद सिर्फ नौकरी अथवा डिग्री हासिल करना नहीं है. शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान आर्जित और चरित्र निर्माण करना है.
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