Ranchi : मधुपुर उपचुनाव में शब्द बाण तेज हो गये हैं. आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. यूपीए और एनडीए के स्टार प्रचारक एक दूसरे की नाकामियां गिनाकर अपने-अपने उम्मीदवार के लिए वोट मांग रहे हैं. सियासी पारा गर्म है, लेकिन राहत है कि बदजुबानी का ट्रैक रिकॉर्ड रखनेवाले नेताओं का दिमाग अब तक ठंडा है. अब तक छीछालेदर वाली राजनीति मधुपुर में शुरू नहीं हुई है. नेता शालीन शब्दों में एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. वैसे नेता भी प्रचार कर रहे हैं, जिनकी जुबान डेढ़ साल पहले हर चुनावी सभा में फिसल जाती थी.
ये हैं पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास. तब उनकी सरकार थी. हर चुनावी सभा में वे खुलकर बोलते थे. अपने शब्दों से विरोधियों को घायल कर देते थे. विरोधियों को कुछ भी बोल जाते थे. जुबान से गालियों का फिसल जाना आम बात थी. लेकिन इस बार हालात मुख्तलिफ हैं. मधुपुर की चुनावी सभाओं में वे जोशीले भाषण तो दे रहे हैं, लेकिन जुबान कंट्रोल में है. अब यह सत्ता जाने का असर है या नयी सरकार का डर, यह तो दास जी ही बता सकते हैं.
मुद्दे नहीं हैं फिर भी बदजुबानी नहीं हुई शुरू
आमतौर पर किसी चुनाव में बदजुबानी तब शुरू होती है, जब मुद्दों का अभाव हो. कुछ लोग सत्ता और पावर के मद में चूर होकर भी बदजुबानी करते हैं. मधुपुर उपचुनाव भी घोषणापत्र के मुद्दों पर नहीं लड़ा जा रहा है. खुला मैदान है. जिसके हाथ जो मुद्दा लग रहा है, उसे उठा कर विरोधियों पर हमला कर दिया जाता है. बीजेपी की ओर से विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी मोर्चा संभाले हुए हैं. वहीं यूपीए की ओर से सीएम हेमंत सोरेन ने यहां डेरा डाला है. बाबूलाल मरांडी 12 दिन से यहां कैंप कर रहे हैं, लेकिन 10 दिन तक वे एक ही मुद्दा पकड़े रहे. 2 दिन पहले वे भगवान की शरण में गये हैं, जबकि हेमंत सोरेन रोज नये-नये मुद्दे तलाश कर एनडीए को घेर रहे हैं.
अल्पसंख्यकों से बीजेपी को मोहभंग, भगवान की शरण में बाबूलाल
बाबूलाल मरांडी शुरू से अपनी सभाओं में बस यही बोल रहे थे कि जैसे मुख्यमंत्री रहते शिबू सोरेन तमाड़ में उपचुनाव हारे थे, वैसे ही हफीजुल मंत्री रहते मधुपुर से उपचुनाव हारेंगे. उपचुनाव की घोषणा होने के बाद से इसके अलावा उनका दूसरा कोई बयान सभाओं और सोशल मीडिया पर नजर नहीं आता था. देर से ही लेकिन अब उन्होंने नया मुद्दा पकड़ा है. अब बाबूलाल सभाओं में कहते हैं भारत की पहचान राम से है, कृष्ण से है, मां दुर्गा से है, लेकिन कांग्रेस के लोगों को जय श्री राम और भारत माता की जय बोलने में दर्द होता है. इसीलिए आप वोट उन्हें ही दें जो “भारत माता की जय” बोलने में गौरवान्वित महसूस करता हो.
हेमंत सोरेन के पास बीजेपी के खिलाफ हर रोज एक नया मुद्दा
हेमंत सोरेन बीजेपी की दलबदल वाली छवि पर चोट कर उसे वोट में बदलने की कोशिश में लगे हैं. अपनी सभाओं में कह रहे हैं कि आज दल-बदलुओं के सहारे BJP झारखंड में अपना काम चला रही है. उनका उम्मीदवार दल-बदलू, उनके प्रचार करने वाले सारे नेता दल-बदलू हैं. उन सब का खुद का ठौर ठिकाना ही नहीं है और मधुपुर को ठिकाना देने की बात कह रहे हैं. इसके अलावा वे केंद्र सरकार की नाकामियों को पुलिंदा भी लेकर मधुपुर गये हैं. 11 लाख गरीबों का राशन कार्ड बीजेपी सरकार द्वारा रद्द करने और राज्य सरकार द्वारा 15 लाख नये राशन कार्ड देने का भी मुद्दा उनके पास है. सहानुभूति वोटों को पकड़ने के लिए हाजी हुसैन के बेटे को हफीजुल के बिना चुनाव जीते मंत्री बनाने का भी उनको लाभ हो रहा है.