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बीजेपी के लिए नाक का सवाल बनी मधुपुर सीट, उपचुनाव में जीत का रिकॉर्ड अच्छा नहीं

  • बीजेपी के सहयोगी आजसू को भी 3 बार गठबंधन ने दी है करारी शिकस्त
Ranchi :  झारखंड में होने वाला मधुपुर उपचुनाव इस बार काफी दिलचस्प होने जा रहा है. मधुपुर">https://en.wikipedia.org/wiki/Madhupur,_Deoghar">मधुपुर

सीट पर 17 अप्रैल को मतदान होना है. सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) व भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दोनों ही मधुपुर सीट को जीतने में एड़ी चोटी एक कर दी है. बीजेपी के लिए मधुपर सीट एक तरह से नाक का सवाल बन गयी है. नाक का सवाल बनने के दो प्रमुख कारण हैं. पहला कि बीजेपी ने अपने सहयोगी रहे आजसू नेता गंगा नारायण (2019 चुनाव में आजसू के टिकट पर चुनाव लड़े थे) को पार्टी उम्मीदवार बनाया है. दूसरा यह कि 2014 के बाद की राजनीतिक परिदृश्य में बीजेपी ने केवल एक बार ही उपचुनाव में जीत का स्वाद चखा है. बता दें कि 2014-20 की अवधि में राज्य में कुल 8 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, जिसमें से केवल 1 में ही भाजपा को जीत मिली है, वहीं 7 सीटों पर गठबंधन (4 पर जेएमएम और 3 पर कांग्रेस) को जीत मिली है. उक्त अवधि में अगर उपचुनाव वाले सीटों की बात करें, तो इसमें लोहरदगा, गोड्डा, लिट्टीपाड़ा, सिल्ली, गोमिया, पांकी, बेरमो और दुमका सीट शामिल हैं. इसे भी देखें : फाइजर">https://english.lagatar.in/containment-zone-sealed-in-6-places-in-jhumritilaiya-appeal-to-be-cautious/44029/">फाइजर

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जानिये, किस सीट पर हुए उपचुनाव में महागठबंधन को मिली है जीत

लोहरदगा उपचुनाव : दिसंबर 2015 को इस उपचुनाव में कांग्रेस के सुखदेव भगत ने आजसू प्रत्याशी नीरू शांति भगत को 23,288 वोटों से हराया था. यह उपचुनाव आजसू पार्टी विधायक कमल किशोर भगत को एक डॉक्टर पर हमले के सिलसिले में अदालत से कैद की सजा सुनाए जाने के बाद हुई थी. पांकी उपचुनाव :  2016 में हुए पांकी उपचुनाव में कांग्रेस के देवेंद्र कुमार सिंह 3558 मतों से जीते थे. कांग्रेस ने जेएमएम के कुशवाहा शशि भूषण मेहता को हराया था. लिट्टीपाड़ा उपचुनाव : अप्रैल 2017 में लिट्टीपाड़ा उपचुनाव में जेएमएम प्रत्याशी साइमन मरांडी ने 13,000 वोट से जीत दर्ज की थी. उन्होंने बीजेपी के हेमलाल मुर्मू को हराया था. लिट्टीपाड़ा उपचुनाव में बीजेपी जीत दर्ज करने के लिए कितनी बेचैन थी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. पूरी कैबिनेट वहां चुनाव प्रचार में जुटी थी. यही नहीं PM नरेंद्र मोदी ने भी पड़ोस के जिले साहिबगंज में जाकर गंगा पुल शिलान्यास के जरिए पहाड़िया जनजाति को साधने की कोशिश की थी. सिल्ली और गोमिया उपचुनाव :  मई 2018 को दोनों उपचुनाव में भी जेएमएम ने बीजेपी और सहयोगी आजसू को करारी शिकस्त दी थी. जेएमएम की सीमा महतो ने सुदेश महतो को करीब 13,000 से अधिक वोटों से हराया था. पूर्व उपमुख्यमंत्री को सिल्ली सीट से लगतार दूसरी बार हार का सामना करना पड़ा था. गोमिया उपचुनाव में जेएमएम उम्मीदवार बबीता देवी ने 1344 वोटों के अंतर से जीती. इस उपचुनाव में जेएमएम प्रत्याशी ने आजसू प्रत्याशी लंबोदर महतो को हराया था. जेएमएम की जीत इस मायने में काफी महत्वपूर्ण थी कि पूरा विपक्ष (कांग्रेस, जेवीएम, आरजेडी और लेफ्ट पार्टी) ने जेएमएम का सर्मथन दिया था. कोलेबिरा उपचुनाव : दिसंबर 2018 को हुए इस सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी के कोलेबिरा उपचुनाव में विजय हासिल की थी.कांग्रेस प्रत्याशी ने बीजेपी उम्मीदवार बसंत सोरेंग को हराया था. जबकि चौथे स्थान पर झारखंड पार्टी की उम्मीदवार मेनन एक्का रही थी. दुमका और बेरमो उपचुनाव : नवंबर 2020 को हुए दुमका और बेरमो उपचुनाव में भी गठबंधन (जेएमएम व कांग्रेस) ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी थी. बेरमो से कांग्रेस प्रत्याशी कुमार जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह ने बीजेपी के योगेश्वर महतो बाटुल को 14,225 से अधिक वोट से हराया. वहीं दुमका में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई व  जेएमएम प्रत्याशी बसंत सोरेन ने भाजपा की लुईस मरांडी को 6,842 वोट से हराया.

केवल एक सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को मिली थी जीत

गोड्डा उपुचनाव : 2016 में हुए उप चुनाव में गोड्डा सीट से बीजेपी के अमित कुमार मंडल 34551 वोट से जीते थे. उन्होंने आरजेडी के संजय प्रसाद यादव को हराया था.

2019 के वोट बैंक प्रतिशत को देखे बीजेपी पुख्ता मान रही अपनी जीत

हालांकि उपरोक्त उपचुनाव से अलग बीजेपी अपनी जीत का दावा भी कर रही है. इसके पीछे का कारण 2019 के विधानसभा चुनाव के वोट बैंक को माना जा रहा है. जेएमएम प्रत्याशी दिवंगत नेता हाजी हुसैन अंसारी को कांग्रेस और आरजेडी का समर्थन हासिल था. दूसरी तरफ बीजेपी और आजसू दोनों ने अपने-अपने प्रत्याशी दिये थे. इसमें बीजेपी के तरफ से राज पालिवार और आजसू से गंगा नारायण राय थे.

एनडीए को मिला वोट गठबंधन की तुलना में था काफी ज्यादा

तीनों प्रत्याशियों के वोट शेयर को देखें, तो हाजी हुसैन को 88,115 (कुल वोटों का 38.40 प्रतिशत) वोट मिले थे. वहीं दूसरे स्थान पर रहने वाले बीजेपी के राज पालिवार को 65,046 (कुल वोटों का 28.34 प्रतिशत) और तीसरे स्थान पर आजसू के गंगा नारायण राय को 45,620 वोट (कुल वोटों का 19.88 प्रतिशत) मिले थे. साफ है अगर आजसू-बीजेपी सम्मलित वोट करीब 1.10 लाख के करीब पहुंचाता है, जो कि गठबंधन को मिले वोटो से करीब 22,500 वोट अधिक है. वोट प्रतिशत के हिसाब से भी एनडीए जेएमएम पर भारी पड़ता दिखता है.

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