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Ranchi : जिले के पिठौरिया स्थित सुतियांबे गढ़ में रविवार को मुंडा जनजाति का महाजुटान हुआ. जहां झारखंड के अलावा अन्य राज्यों से भी मुंडा जनजाति के लोग पहुंचे थे. यह महाजुटान आदिवासी सुतियांबे धरोहर बचाव और मुंडा जनजाति को एक मंच पर लाने के उद्देश्य से किया गया. इसमें, झारखंड उड़िसा, मध्य प्रदेश,असम के आदिवासी पहुंचे थे.
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101 पाहनों द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत की गई
रांची शहर का नाम रिंची मुंडा के नाम पर रखा गया है
मुंडा जनजाति एक योद्धा जनजाति के रूप में जाना जाता है
असम के पूर्व पर्यटन मंत्री एतवा मुंडा ने कहा कि मुंडा जनजाति एक योद्धा जनजाति के रूप में जाना जाता है. असम में आदिवासियों का पहचान नहीं है. इसे पहचान दिलाने के मुंडारी भाषा सिखने के लिए झारखंड आना होता है. सरना संगोग खूंटी के अध्यक्ष दुर्गावती ओड़िया ने कहा कि सुतियांबै गढ़ में हजारों एकड़ जमीन धरोहर के नाम से है. सीएनटी एक्ट कानून होते हुए भी महाराजा मदरा मुंडा के इंजोरिया अंधेरिया तालाब को मिटाने का प्रयास किया जा रहा हैं. खूटकटी मुंडा धर्म सभा के अध्यक्ष शैलेंद्र पाहन ने कहा कि आधुनिक जमाना में रुढ़िवादी प्रथा को बचाने की जरूरत है. हमारे खूटकटी और मानकी मुंडा व्यवस्था को बचाना होगा. कार्यकारणी अध्यक्ष मनीष मुंडा ने कहा कि देश को सभी मुंडा जनजाति को एक होना होगा.
कोलेबिरा विधायक विल्सन कोंगाड़ी ने कहा कि 5 वी अनुसूची क्षेत्रों में जनजातीय भाषा की पढ़ाई होना है. इसके लिए जनजातीय शिक्षिकों की नियुक्ति करने की मांग किया जायेगा. इस मौके पर आदिवासी जनपरिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा,गु़जल इकिर मुंडा,मनीष मुंडा, देवेंद्र पाहन,हेमंत मुंडा,सुनिल पाहन,एकेबाहदुर ,दीपक मुंडा, अरविंद मुंडा,दीपक नाग,रेखा मुंडा, जयंती मुंडा,विकास मुंडा , सत्यनारायण मुंडा समेत हजारों महिला – पुरुष शामिल हुए.
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