Kiriburu : करमपदा लौह अयस्क खदान मामले को लेकर करमपदा, नवागांव एंव भनगांव की सैकड़ों महिलाएं सोमवार को उग्र हो गईं. करमपदा में कथित मजदूर नेता कहे जाने वाले जॉन मिरन मुंडा और मान सिंह तिरिया को राजनीतिक जमीन व संरक्षण देने वाले करमपदा निवासी महेश सिंह को उसके घर से बाहर निकाल सैकड़ों महिलाओं ने बंधक बना लिया. वहीं दूसरा साथी सन्यासी करमपदा क्षेत्र की महिलाओं का उग्र रूप देख वहां से फरार हो गया. महिलाओं ने सन्यासी की पत्नी व उसका समर्थन करने वाली अन्य महिलाओं को भी पकड़ व बंधक बना लिया. इसी क्रम में पहले से बंधक बनाये गये तोपाडीह निवासी हेरमन तोपनो मौका देख ग्रामीणों को चकमा देकर भीड़ से भाग खडा़ हुआ जबकि तोपाडीह निवासी दूसरा व्यक्ति बिनोद लुगुन व अन्य को भी ग्रामीण महिलाओं ने बंधक बनाए रखा. इससे पहले बोगदा कोचा बस्ती की बसंती आदि महिलाएं जो मान सिंह तिरिया की समर्थन में खदान का लौह अयस्क लोडिंग को बंद कराने आयी थी, भागने में सफल रही. बंधक बनाये गये सारे लोग मान सिंह तिरिया के आदेश पर आज सुबह उक्त खदान प्रबंधन की रैक लोडिंग कार्य को बंद कराने रेलवे साईडिंग पहुंचे थे. ग्रामीण महिलाओं ने उनके द्वारा लाए गए पोस्टरों को उखाड़ कर बंधक बनाये गये लोगों के गले में पहना दिया.
बाहरी से गुमराह नहीं होंगे का शपथ भरवाया गया
आक्रोशित महिलाओं ने बताया कि बंधक बनाये गये लोग जिस थाली में खाते हैं उसी को छेद कर रहे थे. मानसिंह तिरिया जैसे लोगों की स्वार्थ की राजनीतिक नहीं समझ स्वयं गुमराह हुये और क्षेत्र के कुछ भोले-भाले लोगों को गुमराह कर न सिर्फ गांव का माहौल खराब कर रहे थे बल्कि खदान को बंद कराकर हजारों रोजगार प्राप्त लोगों को बेरोजगार करने की कोशिश में लगे थे. महेश सिंह को पचास हजार से अधिक ग्रेच्युटी मिला है और लोगों को यह कहकर गुमराह करता रहा कि उसे मात्र एक हजार मिला है. ऐसा ही कुछ अन्य लोग भी किये. महेश, सन्यासी जैसे लोग मजदूर व रोजगार विरोधी मानसिंह तिरिया जैसे लोगों को करमपदा में जमीन देने का कार्य किया. महिलाओं ने कहा कि हमारी मुख्य मांग है कि जॉन मिरन मुंडा व मानसिंह तिरिया को करमपदा लाया जाये अथवा वह आये और जितने दिन वह खदान का काम बंद किया है, जिससे हमें नो वर्क-नो पे जैसी समस्या से जूझना पडा़, उतने दिन का पैसा का वह भुगतान हम सभी मजदूरों को करे. दूसरी तरफ घटना की खबर पाकर सारंडा पीढ़ के मानकी लागुडा़ देवगम, राजेश मुंडा, मंगरा मुंडा समेत कुछ अन्य मुंडा घटनास्थल पर पहुंचे और बंधक बनाये गये लोगों को अपमानित नहीं करने का आग्रह किया, जिसके बाद महिलाएं शांत हुईं. बंधक बनाई गई महिलाओं ने ग्रामीणों को बताया कि मानसिंह तिरिया हम लोगों को धमकाकर चाईबासा आंदोलन में ले गया था कि अगर नहीं जाओगे तो केस करवा देंगे. इसके बाद सभी बंधक को शपथ लिखाया गया कि दुबारा अब बाहरी से गुमराह नहीं होंगे एवं मानसिंह तिरिया जैसे लोगों को करमपदा में सहयोग नहीं करेंगे. इसके बाद सभी बंधकों को छोडा़ गया एवं मानसिंह तिरिया का पुतला दहन किया गया. [wpse_comments_template]
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