Ranchi: झारखंड की अर्थव्यवस्था वर्ष 2029-30 तक 10 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की महत्वकांक्षी योजना मईयां सम्मान योजना सहायक होगी. राज्य सरकार ने 30 मई को 16वें वित्त आयोग को इस बात की जानकारी दी है.
राज्य सरकार ने 16वें वित्त आयोग को राज्य के विकास दर की जानकारी दी. इस मुद्दे पर सरकार की ओर से आयोग को यह कहा गया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 5,06,356 करोड़ रुपये को होने का अनुमान किया गया है. वित्तीय वर्ष 2011-12 से 2024-25 के दौरान राज्य का औसत विकास दर 10 प्रतिशत रहे.
हालांकि वैश्विक आर्थिक मंदी, सुखाड़ और कोविड की वजह से 2015-16, 2019-20 और 2020-21 में राज्य के विकास दर में थोड़ी कमी आयी थी. अगर इस अवधि को छोड़ दिया जाये तो राज्य का औसत विकास दर 14.1 प्रतिशत रहा. इस दर के हिसाब से वित्तीय वर्ष 2029-30 तक राज्य की अर्थ व्यवस्था 10 लाख करोड़ रुपये की हो जायेगी.
कोविड महामारी के बाद राज्य का राजस्व सरप्लस होने से राज्य में पूंजीगत खर्च को बढ़वा देने की जरुरत है. राज्य का राजस्व प्राप्ति, राजस्व खर्च के मुकाबले तेजी से बढ़ रहा है. इसके परिणाम स्वरूप राजस्व सरप्लस बढ़ने की दिशा में है. राजस्व सरप्लस को देखते हुए सरकार ने 2024-25 से मुख्यमंत्री मईंयां सम्मान योजना शुरु की है.
मईंयां सम्मान योजना की वजह से राज्य में उपभोग आधारित खर्च बढ़ेगा और महिलाओं का सशक्तिकरण भी होगा. राज्य सरकार की ओर से यह कहा गया कि मईंयां सम्मान योजना वित्तीय वर्ष 2029-30 तक राज्य की अर्थव्यवस्था 10 लाख करोड़ पहुंचाने में सहायक होगी.
आयोग को दी गयी जानकारी और मांग
- केंद्रीय करों में हिस्सेदारी 41 से बढ़ा कर 50 प्रतिशत करने की मांग.
- हिस्सेदारी तय करने में फॉरेस्ट का वेटेज 10 प्रतिशत से बढ़ा कर 12.5 प्रतिशत करने का अनुरोध.
- राज्य का औसत विकास दर 10 प्रतिशत है.
- 2029-30 तक 10 ट्रिलियन (10 लाख करोड़) की अर्थव्यवस्था हो जायेगी.
- प्रति व्यक्ति आय के मामले में झारखंड 25 वें पायदान पर है.
- विकास के मामले में राज्य कि निर्भरता केंद्र पर बढ़ती जा रही है.
- जीएसटी के मामले में राज्य के 16,409 करोड़ का नुकसान हुआ है. 2029-30 तक इसके 61,677 करोड़ हो जाने का अनुमान है
- कोविड के बाद राज्य रेविन्यू सरप्लस हुआ है. इसलिए सरकार ने मईंयां सम्मान योजना शुरु की है, ताकि महिला सशक्तिकरण और उपभोग पर खर्च बढे. यह 10 हजार करोड़ की अर्थव्यवस्था बनाने में सहायक होगी.
- वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में मिली राशि को खर्च करने की शर्तें कठोर है. इस कारण पूरी राशि नहीं मिल पाती है.
- National Climate Vulnerability Assessment Report के अनुसार राज्य के 60 प्रतिशत जिले अत्याधिक असुरक्षित है.