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देवघर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 19 साइबर अपराधियों को किया गिरफ्तार, लैपटॉप, मोबाइल, सिम, पासबुक समेत कई सामान बरामद

Deoghar:  साइबर अपराधियों के खिलाफ देवघर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 19 अपराधियों को धर-दबोचा है. गुरुवार को एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा ने बताया कि इनकी गिरफ्तारी के लिए चार टीमों का गठन किया गया था. इन अपराधियों की गिरफ्तारी मधुपुर, देवीपुर, सारवां, सारठ और कुंडा थाना क्षेत्र से की गई है. [caption id="attachment_16091" align="aligncenter" width="1280"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/01/LAGATAR-10.jpg"

alt="देवघर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 19 साइबर अपराधियों को किया गिरफ्तार, लैपटॉप, मोबाइल, सिम, पासबुक समेत कई सामान बरामद" width="1280" height="720" /> साइबर अपराधियों के पास से बरामद लैपटॉप, मोबाइल, एटीएम कार्ड, पासबुक समेत अन्य सामान बरामद[/caption]

ठगी में इस्तेमाल किए जाने वाले भारी संख्या में सामान बरामद

एसपी ने बताया कि इन साइबर अपराधियों के पास से 25 मोबाइल, 44 सिम कार्ड, 4 एटीएम, 7 पासबुक, 1 चेकबुक और 1 लैपटॉप बरामद किया गया है. गिरफ्तार अपराधियों में 21 वर्षीय समीर पासवान, 19 वर्षीय चुन्ना कुमार यादव, 19 वर्षीय राम कुमार रवानी, 22 वर्षीय चंदन कुमार रवानी, 32 वर्षीय धनंजय दास, 22 वर्षीय पिंटु कुमार दास, आदेश कुमार दास, 20 वर्षीय सुनील कुमार दास 19 वर्षीय वकील कुमार दास 20 वर्षीय सुभाष कुमार दास, 19 वर्षीय ब्रह्मदेव दास, 19 वर्षीय रवि कुमार दास, 19 वर्षीय पिंटु दास, 22 वर्षीय सरोज दास, 26 वर्षीय रंजीत दास, 20 वर्षीय विकास कुमार दास, 25 वर्षीय धर्मेंद्र दास, 19 वर्षीय शैलेश कुमार दास और 21 वर्षीय राहुल कुमार का नाम शामिल है. इसे भी पढ़ें-दुमका">https://lagatar.in/dumka-8-cyber-criminals-arrested-with-cash-mobile-atm-card/14724/">दुमका

: नकद, मोबाइल, एटीएम कार्ड के साथ 8 साइबर अपराधी गिरफ्तार
एसपी ने बताया कि आदेश कुमार दास चोरी के मामले में जेल जा चुका है. इसके अलावा इस बात की भी जानकारी दी गयी कि गिरफ्तार साइबर अपराधियों द्वारा साइबर ठगी की घटना को अंजाम देने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते थे. साइबर अपराधी फर्जी बैंक अधिकारी बनकर फोन करते हैं, उन्हें बताते हैं कि उनका एटीएम बंद होने वाला है. केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर भी ठगी की जाती है.

ठगी के लिए यूपीआई का लेते थे सहारा

इन अपराधियों द्वारा साइबर ठगी के लिए गूगल पे का भी सहारा लिया जाता था. साइबर अपराधियों द्वारा वर्चुअल पेमेंट एड्रेस के माध्यम से भी ठगी की जाती थी. इसे भी देखें-

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