Ranchi: झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने बैठक में नशे के कारोबार और पोस्ते की खेती पर रोक लगाने के लिए सभी संबंधित विभागों को समन्वित रणनीति बनाने और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. मुख्य सचिव ने कहा कि पोस्ते की खेती से होने वाली अधिक आमदनी की वजह से लोग इसे अपनाते हैं. इसके निराकरण के लिए कृषि विभाग के सहयोग से वैकल्पिक रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जाएं ताकि लोग इस अवैध गतिविधि से दूर हों.
बताया गया कि पोस्ते की खेती वाले क्षेत्रों, विशेष रूप से जंगलों और जलाशयों के पास, फसलों की निगरानी की जाएगी. वन विभाग और जिला प्रशासन के सहयोग से फसलों को नष्ट किया जाएगा. इस अवैध खेती से जुड़े लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वहीं पंचायती राज और शिक्षा विभाग के सहयोग से नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. वहीं स्कूल स्तर से जागरूकता फैलाने पर जोर दिया गया ताकि युवाओं में नशे के प्रति जागरूकता बढ़े.
बैठक में प्रस्तुत की गई रणनीति
बैठक में पोस्ते की खेती प्रभावित जिलों के पुलिस अधीक्षकों और उपायुक्तों ने अपने क्षेत्रों में अब तक की गई कार्रवाई और आगे की योजनाओं की जानकारी दी. एनडीपीएस की ओर से पावर प्रजेंटेशन के जरिए नशे के कारोबार की रोकथाम पर उपाय सुझाए गए. बैठक में गृह सचिव वंदना डाडेल और डीजीपी अनुराग गुप्ता ने नशे के नेटवर्क को ध्वस्त करने और सजा दिलाने के बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता बताई. बैठक में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, वन विभाग के सचिव अबूबकर सिद्धकी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
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