NewDelhi : आज मंगलवार को राज्यसभा में सीआईएसएफ के जवानों की कथित तैनाती को लेकर हंगामा हो गया. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि सदन में विपक्षी सांसदों के विरोध को रोकने के लिए सीआईएसएफ के जवान तैनात लाये गये हैं.
सदन में CISF लगाया गया था, इसलिए मैं पूछना चाहता हूं कि ये सदन आप चला रहे हैं या अमित शाह चला रहे हैं?
— Congress (@INCIndia) August 5, 2025
: कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री @kharge pic.twitter.com/noj6THNa4f
बता दें कि इस संबंध में श्री खड़गे ने उपसभापति को एक पत्र भी लिखा है. इस पत्र के सार्वजनिक होने पर उपसभापति हरिवंश ने नारजगी भी जताई. उन्होंने साफ किया कि सीआईएसएफ का कोई भी जवान सदन में तैनात नहीं किया गया था.
हरिवंश ने कहा, वे सीआईएसएफ के जवान नही, संसद की सुरक्षा सेवा के कर्मचारी थे. खड़गे का कहना था कि संसद की सुरक्षा सेवा पर्याप्त है, लेकिन क्या अब पुलिस और सेना के जरिए सदन चलाया जायेगा. इस पर हरिवंश ने दोहराया कि ये कर्मचारी संसद की सुरक्षा सेवा के थे. ये सुरक्षाकर्मी विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं.
उपसभापति हरिवंश ने इस बात को लेकर चिंता जताई कि मल्लिकार्जुन खड़गे उन्हें जो पत्र लिखा था, वह मीडिया में प्रचारित कर दिया गया. हरिवंश ने इसे एक गोपनीय पत्राचार बताया. आज सदन में खड़गे के आरोप पर हंगामा हो गया. उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों को ऐसे रोका गया जैसे वे आतंकवादी हों.
उन्होंने कहा कि सदन को उपसभापति चला रहे हैं या गृह मंत्री. दरअसल सीआईएसएफ गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है. खड़गे के बयान पर सदन के नेता जे पी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस को विपक्ष में रहने के लिए उनसे ट्यूशन लेनी चाहिए, क्योंकि वे अब कई दशकों तक विपक्ष में ही रहेंगे. उन्होंने विपक्ष के व्यवहार को अराजक करार दिया.
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