Kolkata : पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुए नरसंहार के बाद राज्य में राजनीतिक तापमान चरम पर है. भाजपा लगातार ममता पर हमलावर है. सोमवार को विधानसभा में हुई मारपीट के दौरान भाजपा के सात विधायकों को चोट आयी है. बीरभूम हिंसा की जांच सीबीआई को सौंपे जाने से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नाराज है. खबर आयी है कि ममता ने गैर भाजपाई मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख कर कहा है कि देश में लोकतंत्र खतरे में है. ममता ने नरेंद्र मोदी सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है.
ममता बनर्जी ने गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और विपक्षी नेताओं को लिखे पत्र में लिखा है कि देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सत्ताधारी भाजपा के सीधे हमले के बाद मैं अपनी गहरी चिंता से अवगत कराते हुए यह खत लिख रही हूं. ईडी, सीबीआई, केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी), और आयकर विभाग का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों से प्रतिशोध के लिए हो रहा है. इन एजेंसियों के जरिए विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाने के साथ ही उत्पीड़न हो रहा है.
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पत्र में कई विधेयकों पर सवाल खड़ा किया
ममता बनर्जी ने अपने पत्र में संसद से पास हुए कुछ विधेयकों का जिक्र करते हुए लिखा, शीतकालीन सत्र में दिल्ली स्पेशल पुलिस (संशोधन) बिल 2021 के साथ ही सीवीसी संशोधन बिल 2021 को विपक्ष के वॉकआउट के बावजूद मनमाने ढंग से पारित कराया गया. इन कानूनों के जरिए केंद्र ईडी और सीबीआई के डायरेक्टर का कार्यकाल पांच साल तक बढ़ा सकता है. यह सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेश का घोर उल्लंघन है.
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न्यायपालिका के प्रति मेरे मन में गहरा सम्मान है, लेकिन….
ममता ने लिखा कि सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर केंद्रीय एजेंसियों के गलत इस्तेमाल के भाजपा के इरादे के खिलाफ खड़ा होना पड़ेगा. आरोप लगाया कि जैसे ही चुनाव नजदीक आते हैं केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई तेज हो जाती है. भाजपा शासित राज्यों को इन एजेंसियों से फ्री पास मिला रहता है, जिससे उनके शासन की कमियों पर पर्दा डाल दिया जाता है. गैर भाजपा शासित राज्यों के सीएम को न्यायपालिका की ओर से लगातार निर्देशित किया जाता है, जिसकी मुझे पीड़ा है. न्यायपालिका के प्रति मेरे मन में गहरा सम्मान है. लेकिन वर्तमान में कुछ एकतरफा राजनैतिक दबावों की वजह से लोग न्याय नहीं पा रहे हैं.
न्यायपालिका, मीडिया, और जनता महत्वपूर्ण स्तंभ
यह हमारे लोकतंत्र के लिए एक गंभीर चलन है. हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में न्यायपालिका, मीडिया, और जनता महत्वपूर्ण स्तंभ हैं. अगर इनमें से किसी भी हिस्से में व्यवधान आता है तो सिस्टम बैठ जाता है. समय समय पर न्यायपालिका के एक हिस्से को प्रभावित करते हुए भाजपा हमारे संघीय ढांचे पर हमला करने की कोशिश करती रही है. एक विपक्षी दल के रूप में यह हमारी संवैधानिक जिम्मेदारी है कि इस सरकार को उसके इन कृत्यों के लिए जवाबदेह बनायें
सभी विपक्षी दल एक साथ मीटिंग में आयें
ममता न सभी विपक्षी पार्टियों से एक मीटिंग में साथ आने की अपील की है. ममता ने कहा, मैं सभी से अपील करती हूं कि अपनी सुविधा के अनुसार किसी जगह पर एक मीटिंग में सभी दलों के नेता शामिल हों. इस वक्त देश की सभी प्रगतिशील ताकतों को एक साथ आने और इस दमनकारी ताकत के खिलाफ लड़ने की जरूरत है. आइए सभी विपक्षी दल एकजुट होकर आगे आये जिससे उस सरकार के लिए रास्ता बन सके, जिसका हमारे देश को अधिकार है.
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