Vinit Abha Upadhyay
Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि यदि कंपनी द्वारा सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराये जाने के बावजूद श्रमिक इसका उपयोग नहीं करते हैं, तो फैक्ट्री में काम के दौरान किसी श्रमिक की दुर्घटना के लिए प्रबंधन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. दरअसल सरायकेला के आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया में एक कर्मचारी काम के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गया था. जिसके बाद उसकी ओर से मुआवजे के लिए केस किया गया था. फैक्ट्री प्रबंधन(बीएमसीएल मेटल कास्ट प्राइवेट लिमिटेड) को दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए केस किया गया था. इस मामले में सरायकेला सिविल कोर्ट के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) ने संज्ञान लेते हुए आपराधिक कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया था.
फैक्ट्री प्रबंधन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था
इसके विरुद्ध फैक्ट्री प्रबंधन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कंपनी की ओर से दायर याचिका पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कंपनी की ओर से तर्क दिया गया कि फैक्ट्री अधिनियम 1948 की धारा 92 के तहत अदालत का संज्ञान अनुचित है, क्योंकि सुरक्षा उपायों में कथित खामियों के लिए कंपनी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, खासकर जब कर्मचारी ने खुद ही सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराये जाने की बात स्वीकार की है. वहीं राज्य सरकार की ओर से यह तर्क दिया गया कि दुर्घटना फैक्ट्री परिसर के भीतर हुई है इसलिए फैक्ट्री संचालक को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
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