Ranchi : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के परपोते मंगल मुंडा की असामयिक मौत को प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था और प्रशासनिक तंत्र की बड़ी विफलता करार दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर तीखा प्रहार किया है. बाबूलाल मरांडी ने अपने एक्स पर लिखा कि मंगल मुंडा जी का असामयिक निधन अत्यंत दुखद और हृदय विदारक है. सड़क दुर्घटना के बाद जिस तरह से उन्हें इलाज के लिए तड़पना पड़ा, वह हमारी व्यवस्था की संवेदनहीनता को उजागर करता है. इतनी नाजुक स्थिति में भी उन्हें ट्रॉमा सेंटर में समय पर बेड नहीं मिला. इलाज शुरू करने में भी 10 घंटे की देरी हुई. परिजनों को 15,000 की दवाएं भी खुद खरीदनी पड़ीं.
धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के परपोते मंगल मुंडा जी का असामयिक निधन अत्यंत दुखद और हृदय विदारक है।
सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद जिस तरह से उन्हें इलाज के लिए तड़पना पड़ा, वह हमारी व्यवस्था की संवेदनहीनता को दर्शाता है।
इतनी नाजुक स्थिति में भी उन्हें समय पर…
— Babulal Marandi (@yourBabulal) November 29, 2024
व्यवस्था पर उठाये गंभीर सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि अबुआ सरकार में एक गरीब आदिवासी की जिंदगी की कीमत बस इतनी ही रह गयी है. यह केवल मंगल मुंडा जी की मौत नहीं, बल्कि व्यवस्था द्वारा उनकी हत्या है. जिस झारखंड को भगवान बिरसा मुंडा के आदर्शों पर चलना चाहिए था, वहां उनके वंशज के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार हर संवेदनशील व्यक्ति को झकझोर कर रख देता है.
आदिवासी समाज के लिए चिंता
बाबूलाल मरांडी ने यह भी सवाल किया कि क्या राज्य सरकार और व्यवस्था में गरीबों और आदिवासियों के लिए कोई जगह बची है. उन्होंने कहा कि यह मामला केवल मंगल मुंडा के परिवार का नहीं, बल्कि झारखंड के हर गरीब और आदिवासी का है. बाबूलाल ने इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और व्यवस्था पर सख्त कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस तरह की घटनाओं को रोकने और आदिवासियों के हित में ठोस कदम उठाने होंगे. मंगल मुंडा के निधन पर बाबूलाल मरांडी की प्रतिक्रिया ने झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था और प्रशासन की संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं.