Ranchi : झारखंड के पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय की ओर से मैनहर्ट घोटाले की जांच की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है. केस से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब अदालत क्या फैसला सुनाता है यह देखना काफी महत्वपूर्ण होगा. विधायक सरयू राय विधानसभा में भी ‘मैनहर्ट’ का मुद्दा उठा चुके हैं.
सरयू राय ने बताया कि झारखंड अलग राज्य बनने के बाद रांची के कुछ समाजसेवियों की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई गई थी, जिसमें कोर्ट ने 2003 में अहम आदेश दिया है. इसमें राज्य सरकार को राजधानी रांची में भी सीवरेज-ड्रेनेज प्रणाली विकसित करने के लिए कहा था. उस आदेश के बाद तत्कालीन नगर विकास मंत्री बच्चा सिंह के आदेश पर परामर्शी बहाल करने के लिए टेंडर निकाल कर दो परामर्शियों का चयन किया गया. इसी बीच सरकार बदल गई. 2005 में अर्जुन मुंडा सरकार में नगर विकास मंत्री रहे रघुवर दास ने डीपीआर फाइनल करने के लिए 31 अगस्त को बैठक बुलाई. बैठक में फैसला लिया गया कि पहले से चयनित परामर्शी को हटा दिया जाए. बाद में ये मामला हाईकोर्ट में चला गया. आरोपों के मुताबिक इस पर तकरीबन 21 करोड़ रुपए खर्च हुए, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ. इसकी जांच भी कराई गई, इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. राजधानी रांची में सिवरेज-ड्रेनेज निर्माण को लेकर डीपीआर तैयार करने के लिए मैनहर्ट को कंसल्टेंट नियुक्त किया गया, जिसमें बड़े पैमाने पर अनियमतता का आरोप है.
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