New Delhi : कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को सांप्रदायिक करार दिये जाने पर विवाद खड़ा हो गया है. अय्यर ने कहा कि जब बाबरी मस्जिद जब गिराई जा रही थी, उस समय नरसिम्हा राव पूजा कर रहे थे. आरोप लगाया कि वे भारत को हिंदू राष्ट्र बताते थे. यह भी कहा कि भाजपा के प्रथम प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपयी नहीं, वरन् बल्कि पीवी नरसिम्हा राव थे. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Strongly condemn Congress leader #ManiShankarAiyar‘s disrespectful remarks about former Indian Prime Minister Late #PVNarasimhaRao Garu. It’s disappointing to witness such derogatory language and attempts to tarnish the legacy of a dedicated leader.
Deeply disappointed by the… https://t.co/SOUBbhMiya
— Natcharaju Venkata Subhash (@nvsubhash4bjp) August 24, 2023
मणिशंकर अय्यर की आत्मकथा मेमोयर्स ऑफ ए मेवरिक लॉन्च
दरअसल बुधवार को मणिशंकर अय्यर की आत्मकथा मेमोयर्स ऑफ ए मेवरिक लॉन्च की गयी. इसी कार्यक्रम के बाद एक इंटरव्यू में अय्यर ने कहा कि नरसिम्हा लालकृष्ण आडवाणी की बात सुनते रहे. आरोप लगाया कि उन्हीं(नरसिम्हा राव) के नेतृत्व में बाबरी मस्जिद और धर्मनिरपेक्षता बर्बाद हुई.
अपने नेताओं को मौत के बाद अपमानित करना कांग्रेस की संस्कृति
मणिशंकर अय्यर के आरोपों पर नरसिम्हा राव के पोते और भाजपा प्रवक्ता एनवी सुभाष ने उन पर हल्ला बोला. कहा कि अपने ही नेताओं को मौत के बाद अपमानित करना कांग्रेस की संस्कृति रही है. यह कहते हुए बरसे कि ये लोग गांधी परिवार को बढ़ावा देने के लिए ऐसा करते हैं. कांग्रेस उन्हें बदनाम करने के लिए किसी भी स्तर तक जा सकती है.
एनवी सुभाष का कहना था कि नरसिम्हा राव ने अपनी पूरी जिंदगी कांग्रेस पार्टी के लिए समर्पित कर दी. वे प्रधानमंत्री के तौर पर अपने आर्थिक सुधारों के लिए जाने जाते हैं
जानबूझकर नरसिम्हा राव का पार्थिव शव कांग्रेस मुख्यालय में रखने नहीं दिया गया
सुभाष ने कहा कि नरसिम्हा राव के निधन के 19 साल बाद मणिशंकर अय्यर उन पर आरोप लगा रहे है. सोनिया गांधी की वहां मौजूदगी से हमारी उस आशंका को बल मिलता है कि सोनिया गांधी ने जानबूझकर पीवी नरसिम्हा राव का पार्थिव शव कांग्रेस मुख्यालय में रखने नहीं दिया था.
मैंने सोचा कि विमान उड़ाने वाला व्यक्ति देश कैसे चलायेगा…
अय्यर ने अपनी आत्मकथा मेमोयर्स ऑफ ए मेवरिक- द फर्स्ट फिफ्टी इयर्स (1941-1991) में अपनी लाइफ के शुरुआती 50 सालों के अनुभवों के बारे में लिखा है. अय्यर ने राजीव गांधी के पीएम बनने को लेकर लिखा, मैंने सोचा कि विमान उड़ाने वाला व्यक्ति देश कैसे चलायेगा, लेकिन उनके काम देखने के बाद मैंने तारीफ की.
पाकिस्तान के लोग हमें अपना दुश्मन नहीं मानते
इस अवसर पर मणिशंकर ने पाकिस्तान को लेकर कहा कि वहां के लोग हमें अपना दुश्मन नहीं मानते. यह हमारे लिए बहुत बड़ा एसेट है. कही कि पिछले 9 साल से पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं हो रही. इस प्रकरण से वहां की सरकार, सेना को तो कोई फर्क नहीं पड़ता, पर वहां के लोग परेशान हो रहे हैं. साथ ही कहा कि पीएम मोदी को छोड़कर लगभग हर प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान से बात की है.
जान लें कि मणिशंकर अय्यर दिसंबर 1978 से जनवरी 1982 तक कराची में भारत के महावाणिज्य दूत (काउंसल जनरल) के रूप में पदस्थापित थे. 1989 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था.