New Delhi : मणिपुर हिंसा को लेकर आज मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिला और ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधिमंडल ने उनसे आग्रह किया कि मणिपुर में हिंसा रोकने तथा शांति एवं सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए ठोस प्रयास किये जायें. प्रतिनिधिमंडल ने यह भी मांग की कि मणिपुर हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के किसी वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय जांच आयोग का गठन होना चाहिए. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Congress president Mallikarjun Kharge, along with a delegation of party leaders, called on President Droupadi Murmu at Rashtrapati Bhavan in Delhi today.
(Pics: Rashtrapati Bhavan) pic.twitter.com/8rxSDbX2ix
— ANI (@ANI) May 30, 2023
Today we submitted a memorandum to President Droupadi Murmu regarding the situation in Manipur. We have put forth 12 demands, including setting up of a high-level inquiry commission headed by a serving or retired judge of the Supreme Court: Congress pic.twitter.com/t1M7u6Jmo0
— ANI (@ANI) May 30, 2023
सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय जांच आयोग का गठन हो
प्रतिनिधिमंडल में खड़गे के अलावा कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी. वेणुगोपाल, महासचिव मुकुल वासनिक, कांग्रेस के मणिपुर प्रभारी भक्त चरण दास, पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह और कुछ अन्य नेता शामिल थे. कांग्रेस ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि चरमपंथी संगठनों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार को हर जरूरी कदम उठाना चाहिए तथा लापता लोगों का पता लगाने के लिए विशेष अभियान चलाना चाहिए.
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास के लिए उचित कदम उठाया जाना चाहिए. ज्ञापन में प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया है कि मणिपुर हिंसा की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के किसी वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय जांच आयोग का गठन होना चाहिए.
तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला गया
जान लें कि मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला गया. इसी के बाद मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गयी. हिंसा में 75 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी. रविवार की हिंसा में कम से कम पांच लोगों की मौत हुई है. आरक्षित वन भूमि से कूकी ग्रामीणों को बेदखल करने को लेकर तनाव के चलते, पहले भी हिंसा हुई थी, जिसके कारण कई छोटे-छोटे आंदोलन हुए थे.
मैतेई समुदाय मणिपुर की आबादी का करीब 53 प्रतिशत है
मैतेई समुदाय मणिपुर की आबादी का करीब 53 प्रतिशत है और समुदाय के अधिकतर लोग इंफाल घाटी में रहते हैं. नगा और कुकी समुदायों की संख्या कुल आबादी का 40 प्रतिशत है और वे पर्वतीय जिलों में रहते हैं. खबर है कि भारतीय सेना और असम राइफल्स की 140 टुकड़ियां पूर्वोत्तर के राज्य में स्थिति सामान्य करने के प्रयास में जुटी हैं. हर टुकड़ी में 10,000 कर्मी होते हैं. इसके अलावा अन्य अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को भी तैनात किया गया है.
[wpse_comments_template]