Manoharpur (Ajay singh) : विभिन्न मंदिरों में शुक्रवार को अनंत चतुर्दशी पर अनंत पूजा का आयोजन किया गया. इसी क्रम में मनोहरपुर स्थित मुनि आश्रम परिसर में अनंत व्रत कथा पूजा में काफी संख्या में वर्ती शामिल हुए. मंदिर के महंत पुजारी मथुरानंद तिवारी ने अनंत व्रत कथा का पाठ एवं पूजा पूरे विधि-विधान से संपन्न कराया. वहीं, वर्तियों ने अनंत भगवान विष्णु से अपने परिवार की सुख-शांति की कामना की.
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अनंत चतुर्दशी पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान श्री विष्णु अनंत स्वरूप हैं. वे पूरे जगत के पालनकर्त्ता हैं. अनंत चतुर्दशी पर अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है तो वहीं अनंत सूत्र में लगी चौदह गांठें भगवान विष्णु द्वारा बनाए गए 14 लोकों का प्रतीक होती हैं. माना जाता है कि यह सूत्र हर संकट से मनुष्य की रक्षा करता है. यदि हरि अनंत हैं, तो 14 गांठ हरि द्वारा उत्पन्न 14 लोकों की प्रतीक है. माना जाता है कि विष्णु जी ने सृष्टि के आरंभ में चौदह लोकों की रचना की थी जिनमें, सत्य, तप, जन, स्वर्ग, भुव, भू, अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल और पाताल शामिल हैं. कहा जाता है कि अपने बनाए इन लोकों की रक्षा के लिए ही उन्होंने अलग-अलग अवतार भी लिए थे.
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