ने कस्टडी में लिया है. एनआइए ब्रांच रांची ने मनोज चौधरी को छह जनवरी से लेकर 8 जनवरी तक कस्टडी में लिया है. गौरतलब है कि राज्य के शीर्ष भाकपा माओवादियों पतिराम मांझी, अजय महतो, दुर्याधन महतो समेत अन्य के लेवी के पैसों का निवेश करने वाला मनोज चौधरी को गिरफ्तार किया गया था. एनआइए ने बीते एक मई 2020 को गिरफ्तार किया था. मनोज चौधरी को पश्चिम बंगाल के हुगली से गिरफ्तार किया था. मनोज मूल रूप से गिरिडीह के पीरटांड का रहने वाला है. इसे भी पढ़ें - जाने">https://lagatar.in/the-accused-are-being-made-aware-of-the-law-feeling-accused-of-rape-molestation-and-sexual-exploitation/15986/">जाने
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2008 से माओवादियों के पैसे निवेश कर रहा था
जानकारी के मुताबिक, मनोज चौधरी पूर्व में तोता बेचने का काम करता था. साल 2008 में वह माओवादियों के संपर्क में आया. इसके बाद उसने माओवादियों के द्वारा लेवी से अर्जित पैसों का चल व अचल संपत्तियों में निवेश करना शुरू किया. मनोज चौधरी ने लेवी के पैसों से गिरिडीह शहर के प्रमुख लोकेशनों में करोड़ों की जमीन खरीदी. मनोज की तीन सालों से झारखंड">https://www.jhpolice.gov.in/">झारखंडपुलिस की ओर से भी तलाश की जा रही थी. लेकिन वह फरार था. बाद में झारखंड">https://www.jhpolice.gov.in/">झारखंड
पुलिस की ओर से दर्ज मामले को एनआइए ने टेकओवर किया था.
मनोज चौधरी समेत 17 के खिलाफ चार्जशीट दायर
गिरिडीह के अकबकीटांड में सैक सदस्य सुनील मांझी समेत 15 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया था. डुमरी थाना में दर्ज केस को 9 मई 2018 को एनआइए">https://www.nia.gov.in/">एनआइएने टेकओवर कर लिया था. इस मामले में 31 अगस्त 2018 व 8 जनवरी 2019 को मनोज चौधरी समेत 17 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया गया था. बाद में जांच में लुगु पहाड़ से भारी संख्या में हथियार, कारतूस समेत अन्य चीजें भी बरामद की गयी थीं. इसे भी पढ़ें - जांच">https://lagatar.in/detection-found-wrong-ccls-ocp-does-not-have-electricity-connection-work-running-from-dg-set/15971/">जांच
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