खाने की समस्या उत्पन्न हो गयी है
इस परेशानी से निजात पाने के लिए ग्रामीण नेता, मुखिया और पंचायत सेवक से मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई आगे नहीं आ रहा है. मुखिया मंजूर आलम को भी खबर की गयी, लेकिन वे नहीं आ सके. बताया जाता है कि ग्रामीणों के घर ढहने के साथ ही अनाज का भी नुकसान हुआ. उनके सामने रहने और खाने की समस्या उत्पन्न हो गयी है. ग्रामीण धनपत यादव ने कहा कि रहने के लिए हमारे पास एक ही मिट्टी का घर है. इसमें कुल पन्द्रह लोग रहते हैं. इस मुश्किल में सरकार से अपील है कि हमारी मदद करे. ग्रामीण उर्मिला देवी का कहना है कि उनका घर पानी से भर चुका है. दीवारों पर दरारे आ चुकी हैं. कभी भी गिर सकती है. मुझे आज तक कोई इंदिरा आवास या कोई सरकारी आवास योजना का लाभ नहीं मिला है. इसे भी पढ़ें- चाकुलिया:">https://lagatar.in/chakulia-jadunath-hembram-became-the-president-of-matiyabandhi-panchayat-of-jmm/">चाकुलिया:झामुमो के माटियाबांधी पंचायत के अध्यक्ष बने यदुनाथ हेम्ब्रम अधिकतर ग्रामीणों की यही स्थिति है. ग्रामीण चंद्रिका यादव, दुखन महतो, आरती मसोमात, शिबु यादव, सुखदेव यादव, वीरेंद्र यादव, रामा महतो, सुमित्रा मसोमात और लालमति देवी का घर टूट चुका है. उन लोगों को अब सरकार से ही उम्मीद है. वे मुखिया और पंचायत सेवक की तरफ देख रहे हैं ताकि वे मदद को आ सकें. इसे भी पढ़ें- मोदी">https://lagatar.in/corruption-increased-in-modi-government-congress-is-seeing-future-in-kanhaiya-tariq-anwar/">मोदी
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