कितना मेडिकल और कितना औद्योगिक ऑक्सीजन की जरूरत ऑडिट कराये सरकार
Jamshedpur: जमशेदपुर पूर्वी विधायक सरयू राय ने कहा है कि जमशेदपुर और आसपास के क्षेत्रों में कोरोना वायरस का दूसरा वेब अपने उच्च स्तर पर पहुंच रहा है. इस वेब में सरकार ने जितनी संरचनाएं खड़ी की हैं, जितना संसाधन इकट्ठा किया है, जो मानव शक्ति तैयार कर रही है उसका समुचित उपयोग हो यह ज़रूरी है.
इस बीच कोविड के अलावा भी अनेक समस्याएं हैं, जिनकी ओर ध्यान जाना चाहिये. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर-आदित्यपुर एक औद्योगिक शहर समूह है. यहां के उद्योग जगत ने अपने औद्योगिक ऑक्सीजन सिलिंडरों को प्रशासन को सौंप दिया है. इसका असर इनके औद्योगिक उत्पादन पर पड़ रहा है. सरकार ने औद्योगिक उपयोग के लिये गैस की आपूर्ति बंद कर दिया है. फलत: संबंधित उद्योग बंद हो गये हैं.
सरयू राय ने कहा कि एक आकलन होना चाहिये कि जमशेदपुर को कितनी मेडिकल ऑक्सीजन की ज़रूरत है और कितना औद्योगिक ऑक्सीजन की. यहां पैदा होने वाले ऑक्सीजन में से कितना खपत झारखंड में होता है और कितना जमशेदपुर एवं समीपवर्ती क्षेत्रों में खपता है और कितना अन्य राज्यों में जा रहा है.
ऑक्सीजन नहीं मिलने से मध्यम और लघु उद्यमियों की बढ़ी मुश्किलें
सरयू राय ने कहा कि देश में कितने नये ऑक्सीजन प्लांट लग रहे हैं. कुल ऑक्सीजन उत्पादन आज और साल भर में होने वाला है. संक्षेप में कहा जाये तो ऑक्सीजन की ऑडिट की जाये और उद्योगों के ऑक्सीजन की ज़रूरतें भी पूरी की जाये. ताकि उनका उत्पादन जारी रहे. बड़े औद्योगिक घराने तो अपनी ज़रूरत का औद्योगिक ऑक्सीजन ले ले रहे हैं. समस्या मध्यम, लघु एवं अति लघु उद्योगों को हो रही है. कुल औद्योगिक ऑक्सीजन में से मेडिकल ऑक्सीजन की पूर्ति होने के बाद इनका कोटा कितना हो सकता है इसका निर्धारण होना चाहिये ताकि सीमित रूप में ही सही छोटे उद्योग भी चलने चाहिये.
केंद्र सरकार के नियंत्रण में झारखंड का ऑक्सीजन उत्पादन और वितरण
विधायक ने कहा कि इस बारे में उन्होंने राज्य मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन का उत्पादन- वितरण पूरी तरह भारत सरकार ने अपने नियंत्रण में ले लिया है. झारखंड सरकार को भी अपने लिये ऑक्सीजन का करीब 130 टन ऑक्सीजन का आवंटन कराना पड़ा है. जबकि झारखंड में ऑक्सीजन का अफरात उत्पादन हो रहा है.
संसाधनों के उपयोग और वितरण की बने रूपरेखा
सरयू ने कहा कि अब आवश्यक हो गया है कि केंद्र और राज्य सरकारें अपने कोविड संबंधी संसाधनों का उचित लेखा-जोखा रखें और समाज के आवश्यकतानुसार इनके संवितरण की रूपरेखा बनायें. वरना संसाधनों का समुचित उपयोग नहीं हो पायेगा. कोविड के अतिरिक्त अन्य सामाजिक आर्थिक गतिविधियां हैं जिनके लिये संसाधन चाहिये.