टुंडूल गांव में जांच की सुविधा नहीं
टुंडूल गांव की आबादी लगभग 1000 है. इस गांव में कुछ लोगों को सर्दी-खांसी की शिकायत है. लेकिन जांच न होने के कारण कुछ पता नहीं चल पा रहा है. गांव के 80 प्रतिशत लोग वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं. गांव की एक महिला का कहना था कि खिजरी ब्लॉक में 15 से 18 वर्ष के कुछ बच्चों का वैक्सीनेशन बालालांग स्कूल में हुआ है. फिर भी गांव के बहुत से बच्चे वैक्सीन लेने से अछूते हैं.alt="" width="750" height="375" />
डोरिया टोली में नहीं लगा जांच शिविर
डोरिया टोली में लगभग एक हजार की जनसंख्या है. यहां भी 80 प्रतिशत लोगों ने डबल डोज ले लिया है. इस गांव के भी लोग सर्दी, खांसी व बुखार से पीड़ित हैं. गांव में कोरोना जांच शिविर नहीं लगा है.मुखिया शामू खलखो का कहना है
मुखिया शामू खलखो का कहना है कि गांव में काफी लोगों को खांसी- सर्दी की शिकायत है. मगर आरटीपीसीआर जांच नहीं होने के कारण कोरोना का पता नहीं चल पा रहा. फिर भी लोग कोरोना को लेकर सतर्क हैं और कोरोना से बचने के लिए घरेलू उपाय कर रहे है. इसे भी पढ़ें – रातू">https://lagatar.in/ratus-jhakharatand-village-people-in-two-dozen-houses-are-suffering-from-cold-and-fever-but-no-corona-test/">रातूका झखराटांड़ गांव : दो दर्जन घरों में लोग सर्दी- बुखार से ग्रसित, पर कोरोना की जांच नहीं [wpse_comments_template]

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