Saurav Singh
Ranchi : हाल के महीनों में भाकपा माओवादी संगठन के कई बड़े नक्सलियों ने सरेंडर किया है. इनमें से कई ऐसे नक्सली है, जिन्हे भाकपा माओवादी संगठन के द्वारा दरकिनार कर दिया गया था. जिसके बाद इन नक्सलियों ने झारखंड पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया. कई नक्सलियों के सरेंडर करने की पुलिस ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि करते हुए मीडिया के समक्ष पेश भी किया है, हालांकि इनमें कई ऐसे नक्सली है जिनका सरेंडर करने की पुलिस ने कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.
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संगठन से दरकिनार किये गये माओवादी कर रहे सरेंडर
महाराज प्रमाणिक और उसका साथी बैलून सरदार
10 लाख के इनामी जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक और उसके साथी बैलून सरदार ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया. पुलिस ने बैलून सरदार समेत तीन नक्सलियों को बीते आठ नवंबर को मीडिया के समक्ष पेश किया था, जबकि महाराजा प्रमाणिक को अबतक मीडिया के समक्ष पेश नहीं किया गया है. गौरतलब है कि नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के 10 लाख के इनामी जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक को उसके दस्ते के सदस्यों ने ही भगोड़ा घोषित कर दिया था. इतना ही नहीं भाकपा माओवादी के दक्षिण जोनल कमेटी के प्रवक्ता अशोक ने बयान जारी कर कहा था, कि पार्टी विरोधी कार्य करने के लिए महाराज प्रमाणिक और बैलून सरकार को जन अदालत लगाकर सजा दी जाएगी. कहा कि महाराज प्रमाणिक ने हर समय पार्टी के साथ गद्दारी की है.
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नक्सली नुनुचंद महतो को संगठन से निकाल दिया गया था
गिरिडीह में 5 लाख के इनामी कुख्यात नक्सली नुनुचंद महतो ने बीते 31 मई 2021 को सरेंडर कर दिया था. नुनुचंद महतो पीरटांड़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले भेलवाडीह गांव का रहने वाले था, जिसे पुलिस लंबे अरसे से तलाश रही थी. इनामी नक्सली नुनुचंद महतो बीमार चल रहा था. उसकी तलाश नक्सली संगठन और पुलिस दोनों कर रही थी. सरेंडर करने से कुछ महीने पहले नुनुचंद को संगठन से निकाल दिया गया था.
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बूढ़ा पहाड़ का कमान छिनने के बाद विमल यादव ने किया सरेंडर
नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के टॉप कमांडर विमल उर्फ राधे श्याम यादव ने सरेंडर कर दिया है. हालांकि पुलिस ने इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की है.विमल यादव मुख्य रूप से बिहार के जहानाबाद के रहने वाला है. माओवादी के टॉप कमांडर देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद की मौत के बाद बूढ़ा पहाड़ के इलाके में विमल यादव माओवादियों का सबसे मजबूत कमांडर था. अरविंद की मौत के बाद सुधाकरण को बूढ़ा पहाड़ का कमांडर बनाया गया था. सुधाकरण के आत्मसमर्पण के बाद विमल ने बूढ़ा पहाड़ की कमान संभाली थी. हाल के दिनों में माओवादियों ने बूढ़ा पहाड़ की कमान मिथिलेश मेहता को दी है. इससे विमल यादव का कद बूढ़ा पहाड़ के इलाके में कम हो गया था. विमल यादव बूढ़ा पहाड़ के इलाके से हथियार के साथ भाग गया था.
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नक्सली बोयदा पाहन और विमल पूर्ति को भगोड़ा करार दिया था
इनामी नक्सली बोयदा पाहन ने अपने तीन साथियों के साथ बीते 12 अक्टूबर 2020 को रांची पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया था. संगठन में आंतरिक संघर्ष की स्थिति यह है कि भाकपा माओवादी संगठन ने सब जोनल कमांडर बोयदा पाहन, जितराय मुंडा , विमल पूर्ति को फरार तक घोषित कर दिया था. भाकपा माओवादी संगठन ने मुरहू, सोयको और मारंगहदा थाना क्षेत्रों में पोस्टरबाजी कर कुख्यात नक्सली बोयदा पाहन और विमल पूर्ति को भगोड़ा करार दिया था. लांदुप, सेरेंगडीह और संसागबेड़ा इलाके में पोस्टरबाजी कर नक्सलियों ने बोयदा और विमल को संगठन से भागा हुआ नक्सली बताया था.
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