Nirsa : मोहनदास करमचंद गांधी (महात्मा गांधी) के 74 वें शहादत दिवस पर वाम मोर्चा के अह्वान पर रविवार 30 जनवरी को मैथन रोड स्थित माले कार्यालय में महात्मा गांधी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया गया और दो मिनट मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. वक्ताओं ने कहा कि महात्मा गांधी भारत की आजादी में आजीवन संघर्षरत रहे, वह अहिंसा के पुजारी थे और अहिंसात्मक आदोलन के बल पर अंग्रेज़ी शासन को हिलाकर रख दिया था. उनके अह्वान पर देश के लाखों किसान-मजदूर, महिला-पुरुष, छात्र-नौजवान आंदोलन में शामिल हुए. अंग्रेजी शासक उनसे घबराते थे. बावजूद गोडसे ने उनकी हत्या कर दी. आज केन्द्र की मोदी सरकार व आरएसएस के लोग गांधी जी के हत्यारे को महिमामंडित करते हैं. गांधी जी को झारखंड से काफी लगाव था. स्वतन्त्रता आंदोलन के दौरान 1917 से 1940 के बीच 12 बार झारखंड आए थे. चंपारण में नील की खेती के विरोध में आंदोलन से घबराए अंग्रेज रांची में गांधी जी से मिले और इसी के बाद अंग्रेज सरकार को किसान विरोधी कानून वापस लेना पड़ा था. आज केन्द्र की सरकार भी किसान-मजदूर विरोधी कानून लाकर संविधान को नजरअंदाज करने का काम कर रही है. गांधी जी के रास्ते पर चलकर जन विरोधी बड़ी लडाई के बल पर भाजपा सरकार को सत्ता से बेदखल करना होगा. इस अवसर पर माले के नागेन्द्र कुमार, मनोरंजन मलिक, हरेन्द्र सिंह, गणेश महतो, सीपीएम के सुमना लाहिड़ी, गौरव चक्रबर्ती, सीपीआई शोभित प्रसाद, धीरेन सेठ माले के जितेंद्र शर्मा, मुन्ना चौहान, राजू चौहान, नौरेन राखा, भीम पासवान, गुलफन पंडित, मंजू देवी, सरीता देवी, प्रतिमा देवी, प्रभा देवी, मीना देवी आदि मौजूद थे. यह भी पढ़ें : धनबाद">https://lagatar.in/congress-leaders-pay-tribute-to-mahatma-gandhi-in-dhanbad/">धनबाद
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मैथन मोड़ पर माले कार्यालय में मनाया गया गांधीजी का शहादत दिवस

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