Ranchi : कुड़मी समुदाय को आदिवासी की सूची में शामिल करने की मांग का विरोध जारी है. विभिन्न जिलों में आपातकालीन बैठक कर विरोध करने का निर्णय लिया जा रहा है.
सरायकेला-खरसावां में 25 सितंबर को विभिन्न आदिवासी संगठनों की महा विरोध रैली निकाली गई थी. जिसमें अलग-अलग प्रखंडों से हजारों की संख्या में लोग रोडमैप के अनुसार जुटे.
वहीं, बोकारो जिला के जरीडीह में 28 सितंबर (रविवार) को समाज की ओर से आपात बैठक बुलाकर निर्णायक रणनीति तय करने का आह्वान किया गया है.
विरोध रैली का रोडमैप तैयार
खरसावां के आदिवासी सांस्कृतिक कला केंद्र भवन/केरसे मुंडा चौक से खरसावां, सीनी और चाईबासा के लोग जुड़े. सरायकेला डीसी ऑफिस के सामने हुआ, जहां राज्यपाल और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया.
बोकारो में होगी आपात बैठक
बोकारो जिला अंतर्गत नौ प्रखंडों के आदिवासी संगठनों, सामाजिक-धार्मिक संगठनों, बुद्धिजीवियों और जनप्रतिनिधियों को 28 सितंबर, रविवार सुबह 11 बजे प्रजापति धर्मशाला, जैनामोड़, जरीडीह में बुलाया गया है. वहीं, लोहरदगा में भी 27 सितंबर को मैना मैदान में कुड़मी की एसटी मांग का विरोध के लिए बैठक बुलाई गई है.
बैठक में होंगे अहम निर्णय
- आदिवासी अस्मिता, अस्तित्व, शैक्षणिक, राजनीतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों के हनन को रोकना.
- कुड़मी समाज की एसटी मांग के विरोध में सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन की रणनीति बनाना.
- उन नेताओं और समाजसेवियों की पहचान करना, जो आंदोलन में सहयोग नहीं कर रहे हैं.
- जिन विधायकों व सांसदों ने कागजों पर कुड़मी को आदिवासी बनाने का समर्थन किया है, उनके खिलाफ समाज की ओर से कड़ा निर्णय लेना.
आंदोलन तेज करने की चेतावनी
आदिवासी संगठनों ने साफ कहा है कि यह लड़ाई अब आर-पार की है. किसी भी कीमत पर कुड़मी समाज को आदिवासी सूची में शामिल नहीं होने दिया जाएगा. विरोध रैली और आपात बैठक से यह संदेश साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में झारखंड समेत पूरे क्षेत्र में आंदोलन और अधिक उग्र हो सकता है.
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