Hazaribagh: सरस्वती शिशु विद्या मंदिर रामनगर में गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की 137वीं जयंती में बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. वहीं कार्यक्रम का शुभारंभ प्रिसिपल राजकुमार नाग, वरिष्ठ दीदी आरती एवं कविता दीदी ने संयुक्त दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस दौरान स्कूल में संस्कृति ज्ञान परीक्षा कक्षा तृतीय से दशम तक आयोजित हुआ. इसमें सविता दीदी ने इनके जीवनी पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि बचपन में रामानुजन का बौद्धिक विकास सामान्य बालक जैसा नहीं था. यह तीन वर्ष की आयु तक बोलना भी नहीं सीख पाए थे. जब इतनी बड़ी आयु तक रामानुजन ने बोलना आरंभ नहीं किया तो परिवार में इसे लेकर सभी को चिंता हुई. कई तरह के सवाल उठने लगे.
रामानुजन ने दुनिया को 3500 गणित के सूत्र दिए
कहा कि जब उन्होंने विद्यालय गए तो वहां पढ़ाई में इनका कभी भी मन नहीं लगता था. रामानुजन को प्रश्न पूछना बहुत पसंद था. इन्होंने स्कूल समय से ही कॉलेज के स्तर तक गणित को पढ़ लिया था. वे गणित के प्रश्न को हल करते थे. रामानुजन ने दुनिया को लगभग 3500 गणित के सूत्र दिए हैं. इसमें थ्योरी ऑफ मेंबर, रोमन नंबर, हाइपर ज्योमैट्रिक सीरीज, फंक्शनल क्वेश्चन ऑफ़ डाटा शामिल है. बता दें कि भारत सरकार ने वर्ष 2012 को राष्ट्रीय जनित वर्ष घोषित किया है. इसी दिन से राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक सुधा राय, दीपक कुमार, पुष्पा पाठक, ऋषिका जानवी, नैंसी कुमारी, सदन दाफुवार, सेविका शांति देवी और पिंकी देवी शामिल थीं.
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