Virendra Rawat
Ranchi: झारखंड एकेडमी काउंसिल द्वारा 24 मार्च से राज्य भर में मैट्रिक इंटर की परीक्षा होनी है. मैट्रिक इंटर की परीक्षा के लिए 10वीं और 12वीं के विद्यार्थी तैयारी में जुट गये हैं. छात्रावासों में रहने वाले दसवीं और बारहवीं कक्षा के विद्यार्थी इस बार होली बेहद सादगी से मना रहे हैं. फिलहाल रांची के छात्रावासों के 60 प्रतिशत विद्यार्थी होली में अपने घर चले गए हैं. जबकि 40 प्रतिशत विद्यार्थी छात्रावास में रह कर परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं.
विद्यार्थियों ने बताया कि मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं नजदीक हैं. हम छात्रावास में रह कर अपनी पढ़ाई की तैयारी कर रहे हैं. फिलहाल होली मनाने का कोई मूड नहीं है. होली अगर मनाना पड़े तो सादगी के साथ मनाई जा सकती है. विद्यार्थियों ने कहा कि एक सप्ताह अब मैट्रिक और इंटर की परीक्षा के लिए बच्चों का है. ऐसे में एक-एक घंटा हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है. फिलहाल हम दिन भर में 7 से 8 घंटा पढ़ाई कर रहे हैं. विद्यार्थियों ने कहा कि होली प्रत्येक वर्ष आती है, लेकिन हमारा एग्जाम प्रत्येक वर्ष नहीं होगा. यह मैट्रिक और इंटर की परीक्षा कड़ी मेहनत के बाद देनी पड़ती है. इसके नतीजे अगर खराब हो जाएं तो जीवन भर इसका पछतावा होता है. इसलिए हम सभी विद्यार्थी मैट्रिक और इंटर की परीक्षा की तैयारी में जुट चुके हैं.
रिजल्ट के बाद हम सभी खेलेंगे होली
रांची के छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों ने कहा कि मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं अगर बेहतर गईं तो इसके नतीजे भी बेहतर होंगे. जिस दिन मैट्रिक और इंटर का रिजल्ट प्रकाशित होगा. उस दिन हम सभी होली मनाएंगे. फिलहाल हमारे लिए यह समय काफी महत्वपूर्ण है. हमारा ध्यान होली की जगह परीक्षा पर अधिक है. रांची के जिला स्कूल के 12वीं के विद्यार्थी अमित वेदिया ने बताया कि मैं साइंस लेकर पढ़ रहा हूं. मेरा लक्ष्य सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना है. फिलहाल मैं हॉस्टल में रह कर बारहवीं की तैयारी कर रहा हूं. इस वर्ष मैं होली नहीं खेलूंगा.
बेहतर रिजल्ट के लिए अधिक मेहनत की जरूरत है
जिला स्कूल के धनंजय कुमार महतो ने बताया कि 12वीं की परीक्षा एक सप्ताह के बाद होनी है. आर्ट्स सब्जेक्ट है. स्कूल में भी सिलेबस आनन-फानन में पढ़ा दिया गया है. लेकिन बिना रिवीजन के बेहतर अंक ला पाना कठिन है. 4 फरवरी को स्कूल खोली गई थी और 1 माह बाद परीक्षा लिया जा रहा है. बेहतर रिजल्ट के लिए अधिक मेहनत की जरूरत है. मैं सादगी के साथ इस वर्ष होली खेलूंगा.
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होली पर एक्सपर्ट की राय
शिक्षाविद और जिला स्कूल की प्रिंसिपल दीपा चौधरी ने बताया कि फिलहाल विद्यार्थियों को अधिक से अधिक समय पढ़ाई पर देना चाहिए. होली प्रत्येक वर्ष आती है. पर मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं व्यक्ति के जीवन में सिर्फ एक बार आता है. मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं आने वाले भविष्य की रूपरेखा तय करती हैं. नौकरी के संबंध में फॉर्म भरने के दौरान कम अंक होने पर कई विद्यार्थी फॉर्म भरने से वंचित रह जाते हैं. फॉर्म भरने से वंचित रहने का एकमात्र कारण मैट्रिक और इंटर में कम अंक होता है. इसलिए मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं विद्यार्थी पूरी तैयारी के साथ करें. आवश्यकता पड़ने पर संबंधित विषय के शिक्षक से मदद लें.
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