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मझगांव : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का छत गिरा, बाल-बाल बचे स्वास्थ्य कर्मी

Majhgaon (Md Wasi) : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सह रेफरल अस्पताल मझगांव का 36 वर्ष पुराना भवन का छत धराशाई होकर बीते रात गिर गया. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन पूरी तरह से जर्जर हो गया है. बीते दो दिनों से क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से अस्पताल का भवन देर रात को धराशाई होकर गिर गया. इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ. उसी भवन के दूसरे छोर पर स्वास्थ्य कर्मी का निवास स्थान है और सामग्री से भरा पड़ा है. मालूम हो कि बीते पांच वर्ष पूर्व से अस्पताल भवन के मरम्त के लिए प्रखंड की जनता स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी सहित क्षेत्र के सांसद, विधायक, मंत्री तक गुहार लगा चुकी है. लेकिन अभी तक अस्पताल भवन का निर्माण आरंभ नहीं करवाया गया.जिसका खामियाजा क्षेत्र के हजारों मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. इसे भी पढ़ें :जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-tpsdi-trained-two-lakh-students-on-world-youth-skills-day/">जमशेदपुर

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पूरी बिल्डिंग धराशाई होकर गिर सकती है

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alt="" width="600" height="400" /> दूसरे कक्ष भी धराशाई होने के कगार पर.[/caption] बीते तीन वर्ष से जर्जर भवन में ही कार्य चल रहा था. उसी दौरान प्रसव कक्ष में भारी भरकम छत का प्लास्टर गिर गया. गनीमत रहा कि उस दौरान जान-माल की कोई क्षति नहीं हुई. आनन-फानन में अस्पताल को बगल के अस्पताल भवन में सिफ्ट किया गया था. जर्जर भवन में ही ओपीडी, प्रसव, कार्यालय कक्ष, सभागार कक्ष, आदि सिफ्ट किया गया था. स्वास्थ्य कर्मियों का निवास स्थान पुराने जर्जर भवन परिसर में ही है. यहां स्वास्थ्य कर्मी जान जोखिम में डालकर रहने को विवश है. भवन इतना जर्जर हो चुका है कि कभी भी पूरी बिल्डिंग धराशाई होकर गिर सकती है. इसे भी पढ़ें :बहरागोड़ा">https://lagatar.in/baharagoda-villagers-and-shiva-devotees-upset-due-to-water-logging-on-the-road/">बहरागोड़ा

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भवन का उद्घाटन बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दुबे ने किया था

स्वास्थ्य कर्मियों के लिए मजबूरी है कि अस्पताल परिसर में एक भी ऐसा भवन नहीं है जहां वे निवास स्थान बना पाए. 36 वर्ष पूर्व बने भवन का उद्घाटन बिहार सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दुबे ने किया था. तब से लेकर एक बार भी भवन का मरम्मत नहीं कराया गया. वही हाल डॉक्टर्स क्वार्टर का भी है. बीते वर्ष डॉक्टर्स भी क्वार्टर में प्लास्टिक बांधकर रहते थे. लेकिन अब क्वार्टर भी इतना जर्जर हो चुका है कि रहने लायक नहीं है. अनुमंडल अस्पताल के बाद दूसरा स्थान रखने वाला रेफरल अस्पताल आज खुद बीमार हो चुका है. उसे भी इलाज की आवश्यकता है लेकिन इस पर ना विभाग ध्यान दे रहा है और ना ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधि. जिसका खामियाजा क्षेत्र के हजारों मरीजों को उठाना पड़ रहा है. हालांकि कई बार सूचना मिली की अस्पताल भवन का निर्माण कार्य आरंभ होगा लेकिन अब-तक सिर्फ यह बात हवा-हवाई साबित हुई है. इसे भी पढ़ें :जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-tpsdi-trained-two-lakh-students-on-world-youth-skills-day/">जमशेदपुर

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