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Hazaribagh: विनोबा भावे विश्वविद्यालय में बुधवार को संवाद कार्यक्रम हुआ. विवेकानंद सभागार में आयोजित कार्यक्रम में कुलपति डॉ मुकुल नारायण देव ने समाज विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों के साथ सीधा संवाद किया. कुलपति ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान की प्राप्ति होनी चाहिए. ज्ञान ही सर्वोच्च शक्ति है. इसकी कोई सीमा नहीं है. ज्ञान के बिना जीवन की सार्थकता संभव नहीं हो सकती.
कुलपति ने विद्यार्थियों को अपने विद्यार्थी जीवन की रोचक गाथा की चर्चा करते हुए कहा कि संघर्ष ही जीवन है. अपने निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए समय का सदुपयोग करना होगा. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की समस्या से रूबरू होने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, ताकि वे अपनी समस्या निडर होकर रख सकेंगे, जिसे दूर करने का प्रयास किया जा सकेगा. कुलपति ने कहा कि शिक्षकों का सम्मान करें और अध्ययन संबंधी कोई भी परेशानी उनके समक्ष रखने में थोड़ी भी हिचकिचाहट नहीं रखें. विद्यार्थियों को अपने सीधा संवाद कार्यक्रम में चरित्र, व्यवहार, अध्ययन, स्वास्थ्य, समय का प्रबंधन के प्रति सजग, सचेत और संवेदनशील होना चाहिए, क्योंकि उनके माता-पिता को उनसे काफी अपेक्षाएं हैं.
लगभग एक घंटे के संबोधन में कुलपति ने विश्वविद्यालय की ओर से दी जा रही सुविधाओं की चर्चा की और पुस्तकालय से लाभ उठाने का सुझाव दिया. मनीष, नवीन और प्रिया समेत कई विद्यार्थियों ने छात्र हित से जुड़ी समस्याओं को कुलपति के समक्ष रखा. सीधा संवाद कार्यक्रम में विषय प्रवेश करते हुए रूसा के नोडल पदाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि कुलपति ने विद्यार्थियों से संवाद स्थापित कर उनमें ऊर्जा भरने का काम किया है. धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रोक्टर डॉ मिथिलेश कुमार ने कहा कि सामाजिक विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों का दायित्व है कि वे कुलपति की संवेदना को समझते हुए उनके कथन को आत्मसात करें और स्वर्णिम भविष्य का निर्माण करें.
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कार्यक्रम में इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान और गृह विज्ञान के विद्यार्थी उपस्थित थे. सीधा संवाद कार्यक्रम में शामिल होकर सेमेस्टर वन और सेमेस्टर थ्री के विद्यार्थी काफी प्रसन्नचित थे. विद्यार्थियों ने कहा कि पहली बार उन्हें अपने कुलपति से रूबरू होकर बातचीत करने का मौका मिला है. कई विद्यार्थियों ने तो यह भी कहा कि इस तरह के आयोजन प्रत्येक तीन महीने में होने चाहिए ताकि उन्हें भी अपनी बात कुलपति के समक्ष रखने में सहूलियत हो सकेगी.
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