Ranchi : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जहां संक्रमितों मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वहीं, सरकारी हॉस्पिटलों में मानव संसाधन भी कम पड़ने लगे हैं. इसमें चिकित्सकों, लैब तकनीशियन, एएनएम और स्टाफ नर्स की कमी प्रमुखता से शामिल हैं. इसे देखते हुए झारखंड राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान ने अल्प अवधि (छह माह) के लिए एएनएम और स्टाफ नर्स की बहाली का निर्णय लिया है. दूसरी और राज्य में वैसे नवनियुक्त डॉक्टर, जो कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में दिन-रात जुटे हैं, उन्हें पिछले पांच माह से वेतन नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में अल्प अवधि के लिए अप्लाई करने वाले एएनएम और स्टाफ नर्स के समक्ष एक डर का माहौल बना हुआ है. बता दें कि डॉक्टरों को वेतन नहीं मिलने से नाराज बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी व दीपक प्रकाश ने भी राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है.
कम वेतन व अतिरिक्त सुविधा नहीं मिलने पर उठा सवाल
राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान द्वारा रांची, धनबाद, बोकारो, रामगढ़, जमशेदपुर सहित सभी प्रमंडल मुख्यालयों में एएनएम और स्टाफ नर्स की बहाली की जा रही है. आवश्यक संख्या में अभ्यर्थी मिलने के बाद अन्य जिलों में भी नियुक्ति होगी. एएनएम के लिए प्रतिमाह 13,000 रुपये और स्टाफ नर्स के लिए 16,500 रुपये मानदेय तय किए गए हैं. यानी महीने में प्रतिदिन 433 रुपये और 550 रुपये. इसके अलावा कोई सुविधा नहीं. दूसरी और नवनियुक्त 380 चिकित्सा पदाधिकारियों को भी पिछले पांच माह से वेतन नहीं मिल रहा है. ऐसे में अगर आपदा में नर्सें व एएनएम अल्प अवधि के लिए चिकित्सा सेवा से जुड़ते हैं, तो क्या उन्हें वेतन मिल पाएगा.
हेल्थ सिस्टम की बात कर बीजेपी नेता हेमंत सरकार पर उठा चुके हैं सवाल
कोरोना संक्रमितों के इलाज में लगे नवनियुक्त चिकित्सा पदाधिकारियों को वेतन नहीं मिलने का मुद्दा बीजेपी नेता भी उठा चुके हैं. बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बिना 5 माह के वेतन बिना ये 380 डॉक्टर कैसे काम करेंगे. विपदा की इस घड़ी में इन सेवादूतों को वेतन के लिए भी तरसना पड़े, इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है? जरूरी है कि इनका अविलंब वेतन भुगतान किया जाए. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि झारखंड में एक ऐसी सरकार है, जिसे अपने डॉक्टरों की चिंता नहीं है. जो डॉक्टर कोरोना काल में दिन रात लोगों की सेवा में लगे हुए हैं और उन्हें पांच महीनों से वेतन नहीं मिला है, यह राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है.