Saurav
Ranchi: दवा दुकान “मेडिसिन प्वाइंट” के संचालक राकेश रंजन ने रविवार की अहले सुबह अपार्टमेंट से कूदकर की आत्महत्या कर ली है. अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि राकेश रंजन के आत्महत्या के पीछे की वजह क्या है. पुलिस छानबीन कर रही है. राकेश रंजन का नाम रेमडेसिविर कालाबाजारी में आया था. वह अरगोड़ा थाना क्षेत्र के मंगलम इंक्लेव नामक अपार्टमेंट में रहते थे. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये रिम्स भेज दिया है.
अरगोड़ा थाना के प्रभारी ने बताया कि राकेश रंजन ने अपार्टमेंट से कूदकर आत्महत्या कर ली है. अपार्टमेंट तीन तल्ला है. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. आत्महत्या करने के पीछे की वजह अभी तक सामने नहीं आ पायी है.
रेमडेसिविर की कालाबाजारी में आया था नाम
आत्महत्या करने वाले राकेश रंजन का नाम रेमडिसिविर कालाबाजारी में सामने आया था. इस मामले की जांच डीजी अनिल पाल्टा के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम कर रही है. जानकारी के मुताबिक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी मामले में पुलिस ने राजीव सिंह को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद मामले की जांच सीआइडी को सौंपी गई थी. उस वक्त अनिल पाल्टा सीआइडी के एडीजी थे. पूछताछ के दौरान राजीव सिंह ने राकेश रंजन की दुकान से इंजेक्शन खरीदने की बात कही थी.
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अनुसंधान के दौरान सीआइडी ने मेडिसिन प्वाइंट के संचालक राकेश रंजन को सरकारी गवाह बना दिया. राजीव सिंह ने पुलिस को बताया था कि उसने रेमडेसिविर इंजेक्शन राकेश रंजन से लिया है. जब सीआइडी की टीम पूरे मामले की छानबीन की तो कहानी कुछ और ही सामने आई. सभी इंजेक्शन डोरंडा के हिनू स्थित सृष्टि अस्पताल से लिये गये थे. पूछताछ में सीआइडी को जानकारी मिली थी कि सृष्टि अस्पताल से जुड़े मनीष सिन्हा ने इंजेक्शन के बदले पैसा नहीं लिया था. जान पहचान और मित्रता होने के नाते उन्होंने यह इंजेक्शन राकेश रंजन को दिया था.