Ranchi: धर्मांतरण के बाद भी जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाने के विरोध में शनिवार को धुर्वा सेक्टर-3 स्थित एएन टाइप आवास में सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और जनजातीय संगठनों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता जनजातीय सुरक्षा मंच के वरिष्ठ सदस्य मेघा उरांव ने की.
धर्मांतरितों का जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया जाए – मेघा उरांव
बैठक में मेघा उरांव ने कहा कि झारखंड सरकार की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की  के जाति प्रमाण पत्र को लेकर उच्च न्यायालय  में याचिका दायर की जाएगी. उन्होंने मांग की कि जो व्यक्ति ईसाई धर्म में धर्मांतरित हो चुके हैं, उनका जाति प्रमाण पत्र स्वतः निरस्त किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति का दर्जा उन्हें ही मिलना चाहिए, जो पारंपरिक रूप से जनजातीय रीति-नीति, संस्कृति और जीवन पद्धति का पालन करते हैं.
जनजातीय सुरक्षा मंच के मीडिया प्रभारी सोमा उरांव ने कहा कि ईसाई धर्म में जाति व्यवस्था नहीं है. वहां सभी अनुयायी समान माने जाते हैं. इस स्थिति में धर्मांतरण के बाद अनुसूचित जनजाति या अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी करना संविधान और समाज दोनों के साथ धोखा है.
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य के सभी अंचल कार्यालयों  को निर्देशित किया जाना चाहिए कि वे धर्मांतरित ईसाइयों को जाति प्रमाण पत्र जारी न करें. इसके लिए मंच राज्यपाल को ज्ञापन  भी सौंपेगा.
बैठक में मौजूद रहे ये प्रमुख सदस्य
बैठक में जनजातीय सुरक्षा मंच  के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सूर्य नारायण सूरी, क्षेत्रीय संयोजक संदीप उरांव, के.एम. टुडू, जगन्नाथ भगत, नकुल तिर्की, हिंदवा उरांव, पिंकी खोया, अंजलि लकड़ा, जय मंत्री उरांव, लुथरु उरांव, कर्मपाल उरांव, रूपनी मिंज, लक्ष्मी बाखला, फागु मुंडा, रवि महली, सोमानी उरांव, रूपेश बाखला, रवि प्रकाश उरांव, डहरू पाहन, राजू उरांव, बबलू उरांव, जादो उरांव, राम प्रकाश टोप्पो समेत कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी उपस्थित थे.
                
                                        

                                        
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