- महबूबा मुफ्ती की भारत-पाक से अपील, बरतें संयम
महबूबा मुफ्ती ने सवाल उठाते हुए कहा कि बच्चों और महिलाओं का क्या दोष है कि वे इस गोलीबारी में फंस रहे हैं? सैन्य कार्रवाई केवल लक्षणों का इलाज करती है, मूल कारणों को नहीं छूती. इससे कभी स्थायी समाधान या शांति नहीं मिलती. उन्होंने दोनों देशों को सैन्य हस्तक्षेप के बजाय राजनीतिक हस्तक्षेप का विकल्प चुनने की सलाह दी. पुलवामा हमले के जवाब में किये गये बालाकोट हवाई हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इससे हमें क्या हासिल हुआ. उन्होंने कहा कि दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी `सफलताओं` का दावा कर रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर करने का दावा करने के बाद भारत का उद्देश्य पूरा हो गया. वहीं पाकिस्तान कहता है कि उसने हमारे फाइटर जेट मार गिराये और पुंछ ब्रिगेड मुख्यालय को तबाह किया. PDP प्रमुख ने कहा कि इस तनाव के कारण सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले जम्मू-कश्मीर के नागरिक शिकार बनते हैं और यह सिलसिला कब तक चलेगा. महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के नेतृत्व से अपील की कि वे संघर्ष की बजाय सीधे संवाद को तरजीह दें. दोनों प्रधानमंत्री बस फोन उठाकर इस संघर्ष को हल कर सकते हैं.