NewDelhi : पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रूपए के घोटाले के आरोपी और डोमिनिका में प्रत्यर्पण केस का सामना कर रहे हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का कहना है कि वह भारत से भागा नहीं था, इलाज कराने के लिए देश छोड़ा था. कहा कि वह कानून का सम्मान करने वाला नागरिक है, चोकसी ने भारतीय एजेंसियों को उसका इंटरव्यू लेने को आमंत्रित करते हुए कहा कि वह हर सवाल का जवाब देने को तैयार है,
जब मैं देश से निकला तो मेरे खिलाफ कोई वारंट नहीं था
एक रिपोर्ट के अनुसार 62 वर्षीय कारोबारी मेहुल चोकसी ने डोमिनिका हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा, मैंने भारतीय अथॉरिटीज को मेरा इंटरव्यू लेने और किसी भी जांच को लेकर कोई भी सवाल पूछने को कहा है. इस क्रम में देश छोडऩे को लेकर मेहुल ने कहा, मैं भारतीय एजेंसियों से नहीं भागा. अमेरिका में इलाज कराने के लिए जब मैं देश से निकला तो मेरे खिलाफ कोई वारंट नहीं था.
बता दें कि चोकसी जनवरी 2018 में देश से बाहर गया था. 13,500 करोड़ रूपए के पीएनबी घोटाले से पर्दा उठने से कुछ दिन पहले ही चोकसी ने देश छोड़ दिया था और तब से एंटीगुआ में रह रहा है. सीबीआई और ईडी ने उसके खिलाफ केस दर्ज किये हैं.
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रेड कॉर्नर इंटरपोल नोटिस इंटरनेशनल वारंट नहीं है
चोकसी ने 3 जून को दायर याचिका में कहा है कि भागने की उसकी कोई इच्छा नहीं थी, उसने यह भी दावा किया कि रेड कॉर्नर इंटरपोल नोटिस इंटरनेशनल वारंट नहीं है, बल्कि सरेंडर कराने की अपील भर है. चोकसी ने यह हलफनामा अभियोजन के इस आरोप के बाद दायर किया, जिसमें कहा गया था कि वह भाग सकता है. चोकसी ने कोर्ट को विश्वास दिलाने की कोशिश क कि जब तक कोर्ट उसे एंटीगुआ लौटने की इजाजत नहीं देता, वह कहीं नहीं जायेगा, वह भागने का इच्छुक नहीं है.
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मेहुल चोकसी को अगवा करने की जांच होगी : गैस्टन ब्राउन
एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने बताया है कि मेहुल चोकसी के वकीलों ने एंटीगुआ के पुलिस कमिश्नर को कुछ लोगों की लिस्ट सौंपी है, जिनपर मेहुल चोकसी को अगवा करने का शक है. मेहुल चोकसी के वकीलों ने पहले भी दावा किया था कि 23 मई, 2021 को मेहुल चोकसी को अगवा कर एंटीगुआ से डोमिनिका लाया गया था.
अब एंटीगुआ के प्रधानमंत्री ने कहा है कि मेहुल चोकसी के वकीलों की ओर से आधिकारिक शिकायत दर्ज की गयी है कि उन्हें अगवा किया गया. अब हमारी पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी यह कितना सत्य है, इसपर कुछ कहना जल्दबाजी होगी. लेकिन अगर किडनैपिंग की बात में सच्चाई निकलती है तो बॉर्डर पर निगरानी बढ़ाने की ज़रूरत है.