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ड्रग के इस्तेमाल और तस्करी के खतरे से सख्ती से निपटा जाना चाहिए : कोर्ट

Ranchi :  ड्रग के इस्तेमाल और इसकी तस्करी के खतरों से सख्ती से निपटना चाहिए. एनडीपीएस के विशेष न्यायाधीश दिवाकर पांडेय ने अभियुक्त रामसेवक कुम्हार की जमानत याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की. साथ ही उसकी मिसलेनियस क्रिमनल पिटीशन को निष्पादित कर दिया है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 4348.80 किलो डोडा जब्त करने से जुड़े मामले में अभियुक्त को गिरफ्तार किया था. वह फरवरी 2025 से जेल में है.

कोर्ट में अभियुक्त की ओर से दी गयी दलीलें

अभियुक्त की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि वह डोडा जब्त करने से जड़ी प्राथमिकी में नामजद अभियुक्त नहीं है. डोडा के साथ गिरफ्तार किये गये लोगों ने उसका नाम भी नहीं लिया था. उसके पास से कुछ बरामद भी नहीं किया गया है. टीआई परेड में उसकी पहचान भी नहीं करायी गयी है. उसका कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं रहा है. इन तथ्यों के देखते हुए न्यायालय को अभियुक्त के मामले में नरमी से विचार करना चाहिए.

सरकारी वकील ने किया विरोध 

सरकारी वकील ने अभियुक्त की ओर से दी गयी दलील और अनुरोध का विरोध किया. साथ ही यह भी कहा कि उसे 4348.80 किलो डोडा के मामले में गिरफ्तार किया गया है. उसके साथ नरमी नहीं बरती जानी चाहिए.

याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने की कड़ी टिप्पणी

सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने मामले से संबंधित दस्तावेज की जांच में पाया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने 23 नवंबर 2024 को रांची टाटा मार्ग पर लाइन होटल के पास एक ट्रक को पकड़ा था. इसमें 4348.80 किलो डोडा पाया गया था. ट्रक के साथ पकड़े गये लोगों के पास इससे संबंधित कोई वैध दस्तावेज नहीं थे. इसलिए ट्रक के चालक और खलासी को गिरफ्तार किया गया था. इस ट्रक की जांच के दौरान ही एक काले रंग की स्कॉर्पियो ने एनसीबी की टीम पर पिस्तौल से फायरिंग की थी. इस घटना की जांच में यह पाया गया कि स्कॉर्पियो किसी सूरज उरांव नाम से निबंधित (रजिस्टर्ड) है. एनसीबी की टीम ने बाद में बुंडू से रामसेवक को सूरज उरांव के साथ गिरफ्तार किया था. न्यायालय ने दस्तावेज में वर्णित तथ्यों के मद्देनजर रामसेवक को घटना से संबंधित पाया. न्यायालय ने अभियुक्त की ओर से दायर याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए लिखा कि राज्य में नारकोटिक्स और ड्रग्स की तस्करी बढ़ती जा रही है. इससे युवा और समाज प्रभावित हो रहा है. यह देश की अर्थव्यवस्था को भी बर्बाद कर रहा है. अब समय आ गया है कि ड्रग के इस्तेमाल और तस्करी के मामलों से हमदर्दी के बदले सख्ती से निपटा जाये.

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