Search

150 वर्ष का हुआ मौसम विज्ञान विभाग, आयोजित हुए कई कार्यक्रम

Rehan Ahmed Ranchi:  मौसम विज्ञान विभाग के सफलतापूर्वक 150 वर्ष पूरे होने की खुशी में भारत मौसम विज्ञान विभाग ने देशभर में मंगलवार को कार्यक्रमों का आयोजन किया. यह कार्यक्रम अगले दिन भी जारी रहेगा. वहीं मौसम केंद्र रांची के तत्वावधान में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. मंगलवार को रांची में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के बच्चे शामिल हुए. बच्चों के बीच पेंटिंग, ड्रॉइंग, रंगारंग कार्यक्रम और अन्य प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं.

20-25 वर्ष से जलवायु बदल रही तेजी से: मौसम निदेशक

मौसम विभाग केंद्र रांची में देर शाम तक चलने वाले इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से मौसम निदेशक अभिषेक आनंद ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 20-25 वर्षों से जलवायु तेजी से बदल रही है. ऐसी स्थिति में कोई कार्य बेहतर ढंग से नहीं हो पा रहे हैं. मौसम खराब होने का प्रभाव तेजी से पड़ता है. खराब मौसम में कोई कार्य नहीं हो सकता है. वहीं जहां का मौसम अच्छा होगा और जलवायु अनुकूल होगी, वहां लोगों का आना-जाना बढ़ेगा और वहां की आबादी भी बढ़ने लगेगी, क्योंकि लोग वहां के मौसम को पसंद करते हैं.

जब तक माप नहीं करते, मौसम की जानकारी नहीं देते

1953 में बीआईटी मेसरा में मेनुअल एडजेस्टमेंट की शुरुआत हुई. जब तक हम माप नहीं करते, तब तक मौसम की जानकारी नहीं देते. जब माप कर लेते हैं, तब उसकी जानकारी देते हैं. गर्मी में हवा का लो प्रेशर, वहीं ठंड में हवा का हाई प्रेशर होते हैं और कई प्रकार के जलवायु परिवर्तन होते हैं. इसके लिए मौसम विभाग में विभिन्न यंत्र लगाए गए हैं, जिनसे मौसम की जानकारी हम प्रदान करते रहते हैं.https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/01/Untitled-1-31.jpg">

class="size-full wp-image-1000845 aligncenter" src="
https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/01/Untitled-1-31.jpg"

alt="" width="600" height="400" />

वर्षा कब होगी, रडार से पता करके बताते हैं

वर्षा कब होने वाली है, कितनी होगी, यह सब रडार से पता कर हम बताते हैं. झारखंड के 24 जिलों में ऑटोमेटिक मशीनें लगी हैं.खराब मौसम की जानकारी न मिलें तो विमान दुर्घटना का खतराएयरपोर्ट के पास मौसम विभाग का कार्यालय हमेशा होना चाहिए, क्योंकि विमान को पल-पल की जानकारी देनी पड़ती है. राज्य में 200 किमी तक की मौसम की जानकारी इस तकनीक के माध्यम से दी जाती है. सुपर कंप्यूटर में सभी डाटा डाले जाते हैं. यदि मौसम खराब होने की जानकारी विमान चालक को नहीं दी जाती, तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है.

झारखंड में बिजली अधिक गिरती है

मौसम खराब होने पर बच्चों के स्कूलों में छुट्टी कर दी जाती है. 13 जनवरी तक स्कूलों में छुट्टी की गई थी और शिक्षा विभाग ने मौसम केंद्र से जानकारी ली थी. उन्हें बताया गया था कि स्कूलों के जूनियर क्लास के बच्चों की छुट्टी कर देना उचित उपाय होगा. मौसम विज्ञान निदेशक ने बच्चों को यह भी बताया कि झारखंड में बिजली ज्यादा गिरती है. विशेष रूप से बादल और बारिश के मौसम में पेड़ के नीचे खड़े होकर नहीं रुकना चाहिए, क्योंकि ऐसी जगह बिजली गिरने का खतरा ज्यादा होता है.

विजयी बच्चे हुए पुरस्कृत

मौसम विभाग की विभिन्न प्रतियोगिताओं में केंद्रीय विद्यालय, सुरेंद्रनाथ सेंट्रल स्कूल और अन्य स्कूलों के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. पेंटिंग, ड्रॉइंग, गीत-संगीत और अन्य प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया. इस अवसर पर मौसम केंद्र रांची के सभी वैज्ञानिक, कर्मचारी, स्कूल के छात्र और शिक्षकगण मौजूद थे.

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp