बेचनेवाली महिलाओं को जागरूक करने के लिए फूलो झानो आशीर्वाद जागरूकता रथ को हरी झंडी विद्यार्थियों ने माइग्रेशन की प्रक्रिया को सुलभ बनाने की अपील की है. रांची विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने कहा कि माइग्रेशन के चक्कर में पहले कॉलेज से फॉर्म भर के तीन जगह हस्ताक्षर कर उसे कॉलेज से विश्वविद्यालय में फॉरवर्डिंग कराना पड़ता है. फिर मार्कशीट, एडमिट कार्ड, टीसी अटैच करके हस्ताक्षर करनी पड़ती है. फिर रांची विश्वविद्यालय के पंजाब नेशनल बैंक से चालान लेना होता है. चालान भरने के बाद उसे दूसरे वेरीफिकेशन काउंटर में जाकर वेरिफाई करवाना पड़ता है. फिर चालान के लिए बैंक में पैसे जमा करने पड़ते हैं. फिर 8 दिनों बाद चालान की एक कॉपी रिसीविंग के तौर पर मिलती है, और उस रिसीविंग को लेकर रांची विश्वविद्यालय के माइग्रेशन डिपार्टमेंट में जाना पड़ता है. उसके बाद यूनिवर्सिटी माइग्रेशन देती है. पूरी प्रक्रिया में लगभग 1 महीने का समय लग जाता है. विश्वविद्यालय से विद्यार्थियों को अगर दो से 3 दिनों में माइग्रेशन की आवश्यकता होती है तो विश्वविद्यालय ने एक प्रक्रिया शुरू की है. इस प्रक्रिया के तहत विद्यार्थी को 500 रुपये देने पड़ते हैं. जबकि माइग्रेशन आठ दिनों बाद अगर विद्यार्थी लेते हैं तो उन्हें 300 रुपये का भुगतान करना पड़ता है. आर्थिक रूप से मजबूत विद्यार्थी 500 रुपये देकर 2 से 3 दिन में माइग्रेशन प्राप्त कर लेते हैं, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी 300 रुपये जमा करके एक महीने बाद माइग्रेशन प्राप्त करते हैं. [caption id="attachment_254448" align="aligncenter" width="1600"]
alt="" width="1600" height="720" /> शशि कुमार, डोरंडा कॉलेज के विद्यार्थी[/caption]
विद्यार्थियों की पीड़ा
डोरंडा कॉलेज से बीबीए की परीक्षा पास कर चुके शशि कुमार ने कहा कि वह पिछले एक माह से माइग्रेशन के लिए रांची विश्वविद्यालय के चक्कर लगा रहा हैं. इसके बाद भी माइग्रेशन समय पर मिलेगा यह कंफर्म नहीं है. माइग्रेशन की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर देनी चाहिए. ताकि रांची विश्वविद्यालय अंतर्गत दूसरे जिलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी माइग्रेशन के लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकें. उन्हें उनके कॉलेज से ही माइग्रेशन प्राप्त हो जाएं. इसपर विश्वविद्यालय को मंथन करना चाहिए. इसे भी पढ़ें-चारा">https://lagatar.in/fodder-scam-lalu-did-not-appear-before-cbi-court-due-to-ill-health-case-of-illegal-evacuation-from-bhagalpur/">चाराघोटाला: खराब तबीयत के कारण CBI कोर्ट के समक्ष उपस्थित नहीं हुए लालू, भागलपुर से अवैध निकासी का मामला [caption id="attachment_254453" align="aligncenter" width="1600"]
alt="" width="1600" height="720" /> आरटीसी कॉलेज के स्टूडेंट प्रभात कुमार[/caption] ओरमांझी से आरटीसी कॉलेज के स्टूडेंट प्रभात कुमार कुशवाहा ने कहा कि पहले डिग्री लेने के लिए 3 साल पढ़ाई करनी पड़ती है. डिग्री जब बनकर तैयार हो जाती है. उसके लिए रांची विश्वविद्यालय 1 महीने देने में लगाता है. हर किसी के पास मोबाइल है और कोविड-19 के बीच डिजिटल प्रक्रिया तेजी से लोगों के बीच बढ़ी है. एडमिट कार्ड की तरह माइग्रेशन की प्रक्रिया भी ऑनलाइन कर देनी चाहिए. इससे विश्वविद्यालय के साथ विद्यार्थियों को भी माइग्रेशन प्राप्त करने में आसानी होगी. [caption id="attachment_254451" align="aligncenter" width="1600"]
alt="" width="1600" height="720" /> रांची विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू राजकुमार शर्मा[/caption]

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